Rahul Gandhi’s allegation: कांग्रेस नेता राहुल ने केंद्र सरकार से पूछा कि क्या एक प्रगतिशील देश में नौकरियां की कमी होती हैं? नौ साल पहले तक पीएसयू देश का गौरव और रोजगार के लिए हर युवा भारतीय का सपना हुआ करता था। लेकिन आज वो सरकार की प्राथमिकता से बाहर हो गया है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व सांसद राहुल गांधी ने आज मोदी सरकार पर फिर से हमला बोला है। उन्होंने आज रविवार को दावा किया कि सरकार कुछ पूंजीपति मित्रों के लाभ के लिए लाखों युवाओं के भविष्य को कुचल रही है। सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) में दो लाख से अधिक नौकरियों को सरकार ने खत्म कर दिया है।
PSU भारत का गौरव आज सरकार के एजेंडे में नहीं
राहुल गांधी ने कहा कि पीएसयू भारत का गौरव और रोजगार पाने का बड़ा साधन देश के युवाओं के लिए हुआ करता था। लेकिन आज पीएसयू सरकार की प्राथमिकता नहीं हैं। भारत में पीएसयू में नौकरियां 2014 में 16.9 लाख थीं। जो अब कम होकर 2022 में मात्र 14.6 लाख पर सिमट गई है। राहुल गांधी ने सरकार से पूछा कि भारत जैसे प्रगतिशील देश में क्या नौकरियों की कमी है?
राहुल गांधी ने कहा, भारतीय इस्पात प्राधिकरण लिमिटेड (Sail में 61,928, भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) में 1,81,127, महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (MTNL) में 34,997, दक्षिण पूर्वी कोलफील्ड्स लिमिटेड (SECL) में 29,140, भारतीय खाद्य निगम (FCI) में 28,063 और ONGC (तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम लिमिटेड) में 21,120 नौकरियां खत्म कर दी गई हैं।
रोजगार देने के झूठा वादे करने का आरोप लगाया
कांग्रेसी नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि हर वर्ष दो करोड़ रोजगार देने का झूठा वादा करने वालों ने नौकरियां देने के बजाया दो लाख से अधिक नौकरियां ही खत्म कर दी हैं। उन्होंने कहा कि इसके अलावा इन्हीं संस्थानों में संविदा पर दोगुनी भर्तियां की गई है। उन्होंने सरकार से पूछा कि संविदा कर्मचारी बढ़ाना आरक्षण का अधिकार छीनने का तरीका नहीं तो और क्या है? आखिरकार इन कंपनियों के निजीकरण की सरकारी साजिश है?
सरकार का ये कैसा अमृतकाल
राहुल गांधी ने कहा कि उद्योगपतियों का ऋण माफ किया जा रहा है और पीएसयू से सरकारी नौकरियां साफ की जा रही हैं। ये कैसा अमृतकाल है? उन्होंने सवाल किया कि अगर यह सच में ‘अमृतकाल’ है तो नौकरियां इस तरह गायब क्यों हुई हैं। उन्होंने कहा कि देश भाजपा सरकार के शासनकाल में बेरोजगारी से जूझ रहा है।