लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों में लेटरल एंट्री के जरिए आईएएस की भर्ती को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला है। नेता विपक्ष राहुल गाँधी ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार UPSC की जगह ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ’ के जरिए आईएएस की भर्ती कर संविधान पर हमला कर रही है। उन्होंने कहा कि एससी-एसटी और OBC कैटेगरी का रिजर्वेशन खुलेआम छीना जा रहा है। बता दें कि केंद्र सरकार ने विभिन्न मंत्रालयों में संयुक्त सचिव, निदेशक और उप सचिव के प्रमुख पदों पर ‘लेटरल एंट्री’ के जरिए 45 नियुक्तियों के लिए विज्ञापन जारी किया है।
लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने एक्स पर एक पोस्ट में सरकार के इस फैसले पर कहा कि उन्होंने हमेशा ये बात ज़ोर देकर कही है कि टॉप ब्यूरोक्रेसी समेत देश के तमाम शीर्ष पदों पर वंचित समुदाय का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। बजाय इसमें कुछ सुधार करने के, लेटरल एंट्री के जरिए वंचित समुदाय को शीर्ष पदों से और दूर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि निर्णायक सरकारी पदों पर बैठकर ‘कुछ कॉरपोरेट्स’ के प्रतिनिधि क्या करेंगे, इसका ज्वलंत उदाहरण सेबी है, जहां पहली बार प्राइवेट सेक्टर से आने वाले व्यक्ति को चेयरमैन बनाया गया है।
सपा प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी इस फैसले के खिलाफ 2 अक्टूबर से विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी है। अखिलेश ने अपने ‘एक्स’ हैंडल पर लिखा कि यूपीएससी के उच्च सरकारी पदों पर पिछले दरवाजे से अपने वैचारिक सहयोगियों को बैठाने की भाजपा की साजिश के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन शुरू करने का समय आ गया है।
वहीं, बसपा प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने भी सरकार के इस फैसले को गलत बताया और कहा कि केंद्र में संयुक्त सचिव, निदेशक और उप सचिव के 45 उच्च पदों पर सीधी भर्ती का फैसला सही नहीं है, क्योंकि सीधी भर्ती के जरिए निचले पदों पर काम कर रहे कर्मचारी पदोन्नति के लाभ से वंचित हो जाएंगे। मायावती ने कहा कि इन उच्च पदों पर सीधी नियुक्ति करना भाजपा सरकार की मनमानी होगी, जो अवैध और असंवैधानिक होगी।