Cancer virus DNA: फाइजर के कोरोना टीका में कैंसर के वायरस का डीएनए मिला है। इसका खुलासा एक रिपोर्ट में किया गया है। रिपोर्ट में पुष्टि के बाद वैज्ञानिकों के बीच बहस शुरू हो गई है। कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कि कैसर के इस डीएनए में कैंसर बीमारी पैदा करने की क्षमता है। वहीं कुछ का मानना है कि इससे कैसर के किसी प्रकार का कोई खतरा नहीं है।
फाइजर ने कैसर के इस डीएनए के बारे में पहले कोई खुलासा नहीं किया
हेल्थ कनाडा की रिपोर्ट के अनुसार फाइजर फार्मा कंपनी के कोरोना टीके में कैंसर जैसी घातक बीमारी पैदा करने वाले सिमियन वायरस 40 (एसवी40) डीएनए सीक्वेंस मिला है। हालांकि, फाइजर ने कैसर के इस डीएनए के बारे में पहले कोई खुलासा नहीं किया था। रिपोर्ट में पुष्टि के बाद से वैज्ञानिकों के बीच बहस शुरू हो गई है। वहीं लोगों ने मीडिया के द्वारा जानकारी सामने आने के बाद फाइजर के इस टीेके से दूरी बनानी शुरू कर दी है। जिसके बारे में फाइजर ने अपना स्पष्टीकरण भी जारी किया है। कुछ चिकित्सकों का कहना है कि इस डीएनए में कैंसर जैसी घातक बीमारी को पैदा करने की क्षमता है। कुछ का मानना है कि इससे कोई खतरा नहीं है।
जैविक रूप से हो डीएनए अनुक्रम की पहचान
अपने ई मेल में हेल्थ कनाडा ने कहा है कि हम प्रायोजकों से अपेक्षा करते हैं कि वे जानकारी दाखिल करते समय प्लास्मिड (जैसे कि एसवी40 एन्हांसर) के भीतर किसी जैविक रूप से कार्यात्मक डीएनए अनुक्रम की पहचान करें।
हालांकि, प्रारंभिक फाइलिंग के समय फाइजर प्लास्मिड का पूरा डीएनए सीक्वेंस प्रदान किया था। प्रायोजक ने विशेष रूप से एसवी40 सीक्वेंस की पहचान नहीं की थी। नियामक ने कहा कि वैज्ञानिकों केविन मैककर्नन और डॉ. फिलिप जे. बखॉल्ट्स ने सार्वजनिक रूप से इस वर्ष शुरुआत में टीकों में एसवी40 एन्हांसर के पाए जाने का मुद्दा उठाया था।
हालांकि, प्रारंभिक फाइलिंग के समय फाइजर प्लास्मिड का डीएनए सीक्वेंस प्रदान किया था। विशेष रूप से एसवी40 सीक्वेंस की पहचान नहीं की थी। नियामक ने कहा कि वैज्ञानिकों केविन मैककर्नन और डॉ. फिलिप जे. बखॉल्ट्स ने सार्वजनिक रूप से इस वर्ष की शुरुआत में टीकों में एसवी40 एन्हांसर के पाए जाने का मुद्दा उठाया था।