उत्तर प्रदेश के हाथरस में मंगलवार को एक धार्मिक आयोजन में भगदड़ मचने से महिलाओं और बच्चों समेत कम से कम 116 लोगों की मौत हो गई। धार्मिक आयोजन के लिए करीब 50,000 लोगों के एकत्र होने के स्थान पर सत्संग स्थल पर 72 पुलिसकर्मी तैनात थे।
अलीगढ़ रेंज के महानिरीक्षक शलभ माथुर ने बताया, “हाथरस में भगदड़ मचने से कम से कम 116 लोगों की मौत हो गई। शवों को पोस्टमार्टम के लिए विभिन्न स्थानों पर भेजा गया है। हम घायलों को सर्वोत्तम संभव उपचार देने की कोशिश कर रहे हैं। कार्यक्रम के आयोजकों को एफआईआर में शामिल किया जाएगा, क्योंकि कार्यक्रम में अनुमति से अधिक लोग शामिल हुए थे।”
आईजी शलभ माथुर ने कहा, “यह धार्मिक उपदेशक भोले बाबा की सत्संग बैठक थी। एटा और हाथरस जिले की सीमा पर स्थित इस जगह पर मंगलवार दोपहर को सभा के लिए अस्थायी अनुमति दी गई थी।” भगदड़ तब मची जब उपस्थित लोग एक छोटे से गेट से छोटे हॉल से बाहर निकलने लगे। बाहर निकलने की जल्दी में लोग एक-दूसरे के ऊपर गिर गए, जिसमें महिलाएं और बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित हुए। 150 से अधिक लोग घायल हो गए और कई लोगों की मौत हो गई।
वहीँ सिकंदरा राव के उपमंडल मजिस्ट्रेट रावेंद्र कुमार के अनुसार, भगदड़ तब हुई जब भक्तगण कार्यक्रम के अंत में ‘सत्संग’ आयोजित करने वाले भोले बाबा की एक झलक पाने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने बताया कि वे बाबा के पैरों के आस-पास की मिट्टी भी इकट्ठा करना चाहते थे। लोग एक-दूसरे की तरफ देख भी नहीं रहे थे। महिलाएं और बच्चे गिरते रहे। भीड़ उन पर चढ़ रही थी। उन्हें बचाने वाला कोई नहीं था ।
एसएसपी हाथरस राजेश कुमार सिंह ने कहा कि समागम के लिए 15,000 से अधिक श्रद्धालु एकत्र हुए थे। छोटा हॉल और संकरा निकास बड़ी भीड़ को समायोजित करने के लिए अपर्याप्त था। वहीँ एक्स पर एक पोस्ट में, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अधिकारियों को युद्ध स्तर पर राहत और बचाव अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं। राज्य के मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी और संदीप सिंह गांव के लिए रवाना हो गए हैं। घटना के कारणों की जांच के लिए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक आगरा और अलीगढ़ कमिश्नर की एक टीम गठित की गई है।