रामनगर। रामनगर में सावल्दे के पालतू हाथी मोती और पालतू हथिनी रानी अब बिल्कुल अनाथ से हो गए है। उनको पालने वाले मालिक अख्तर इमान की अब मौत हो गई। जिसके बाद से दोनों बेसहारा हो गए। हाथी मोती और हथिनी रानी के पेट भरने के लिए कही से कोई मदद नहीं मिल रही है। हथिनी रानी और हाथी मोती को इस समय मदद की दरकार है। ‘रानी और मोती’ के मालिक अख्तर ने ऐरावत संस्था बनाकर अपने खर्चे पर हथिनी व हाथी का भरण पोषण किया। अब गांव व वन्यजीव प्रेमी किसी तरह से दोनों हाथियों का पेट भर रहे हैं।
अख्तर मूल रूप से बिहार के रहने वाले थे। उनको हाथियों से गहरा लगाव था। अख्तर 2020 में अपने परिवार को छोड़ रामनगर के सावल्दे आकर रहने लगे। अख्तर अपने साथ मोती नाम के हाथी को लेकर आए थे। मोती के लिए अख्तर ने सैकड़ों बीघा जमीन लीज पर ले ली थी। इसके बाद उन्होंने ऐरावत नाम से संस्था बनाई और हाथी पालने लगे।
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अख्तर के नजदीकी वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट्स इमरान बताते हैं कि उनकी करोड़ों की संपत्ति बिहार में है। अख्तर रामनगर में वन विभाग के पास रखी गई हथिनी रानी को भी अपने साथ ही रखते थे। अख्तर मोती और रानी दोनों को पाल रहे थे। 2021 में नवंबर को अख्तर की मृत्यु हो गई। इसके बाद से हाथी मोती और हथिनी रानी को देखने वाला कोई नहीं है।
इन दोनों हाथियों की जिम्मेदारी अब इमरान के पास है। उन्होंने इनके लिए दो महावत के अलावा एक चारा काटने वाला रखा हुआ है। लेकिन कहीं से कोई आर्थिक मदद नहीं मिल रही। उन्होंने कॉर्बेट प्रशासन से संपर्क किया। वह इन दोनों हाथी को रेस्क्यू सेंटर में रखने को कह रहे हैं।
इमरान का कहना है कि मोती हाथी व रानी हथिनी की एक दिन की खुराक डेढ़ कुंटल गन्ना के अलावा घास और रोटी है। इसके लिए एक महीने का खर्च करीब पचास हजार रुपये आ रहा है। मोती और रानी की मदद के लिए उन्होंने अपना मोबाइल नंबर 9720078600 दिया है।