गुजरात चुनाव अब ज़्यादा दूर नहीं हैं, राजनीतिक पार्टियों द्वारा अपने शीर्ष नेता की महामण्डन का दौर शुरू हो चूका है, इस मामले में प्रधानमंत्री का एक अलग ही रुतबा है, पार्टी नेताओं द्वारा उन्हें क्या क्या खिताब और उपाधियाँ दी जा सकती हैं इसपर लगातार रिसर्च चलता रहता है. इसी कड़ी में गृहमंत्री ने अब उन्हें “भगीरथ ऑफ़ गुजरात” की उपाधि से नवाज़ा है. अमित शाह ने उन्हें यह उपाधि गुजरात के बलावा में आयोजित एक कन्वेशन में दिया। उन्होंने कहा कि यह मोदी जी के भगीरथ प्रयास का नतीजा है जो अहमदाबाद के लोगों को नर्मदा नदी का पानी मिलना नसीब हुआ.
अमित शाह ने कहा कि इस प्रोजेक्ट को 1964 में ही शुरू हो जाना चाहिए लेकिन कांग्रेस सरकारों की वजह से ऐसा नहीं हो सका था लेकिन अब मोदी जी ने यह भगीरथ कारनामा कर दिखाया। इस बीच गुजरात भाजपा के अध्यक्ष पाटिल ने कहा कि मोदी और शाह के फैसलों पर सवाल नहीं उठाया जा सकता। वो आनंद ज़िले में पन्ना प्रमुखों की बैठक को संबोधित कर रहे थे, उन्होंने कहा कि पीएम मोदी मोदी और गृहमंत्री अमित शाह पार्टी चुनाव में उम्मीदवारों का चयन करते हैं और उनके फैसले पर उनके पास किसी तरह का सवाल उठाने का अधिकार नहीं है. उन्होंने पन्ना प्रमुखों से कहा कि टिकट के लिए चिंता करने की जरूरत नहीं है. गुजरात के स्तर से टिकट वितरण नहीं होंगे, दिल्ली में तय होगा कि किसे मिलेगा टिकट .
पन्ना प्रमुखों को संबोधित करते गुजरात भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि चुनाव लड़ने वाले संभावित प्रत्याशियों का बॉयोडाटा दिल्ली भेज दिया गया है. वहीँ पर नाम फाइनल होंगे. उम्मीदवारों की सूची आने पर अगर किसी को कोई आपत्ति है तो वो अपनी बात पार्टी पर्यवेक्षक के सामने रख सकता है. उनहोंने पन्ना प्रमुख के बारे में बात करते हुए कहा कि यह कंसेप्ट वर्ष 2007 के विधानसभा चुनावों में अमित शाह जी लेकर आये थे है. उनका यह कंसेप्ट बहुत सफल हुआ जिसका प्रयोग गुजरात के बाद देश के दुसरे राज्यों में कामयाबी के साथ हुआ.