गौतम गंभीर ने इस सीज़न में KKR टीम के मेंटर के तौर पर उसे तीसरा खिताब दिलाने में बड़ी मदद की, एकबार फिर वो केकेआर के हीरो साबित हुए लेकिन लेकिन अब जो खबर सामने आयी है वो उसके लिए निराशाजनक हो सकती है क्योंकि फ्रैंचाइज़ उन्हें खोने वाली है. कारण ये है कि जून के आखिर में राहुल द्रविड़ का कार्यकाल खत्म होने के बाद भारतीय पुरुष राष्ट्रीय टीम को नए कोच की ज़रूरत है और इस बात की पूरी सम्भावना है कि द्रविड़ की जगह गंभीर लेने जा रहे हैं.
IPL फ़ाइनल में KKR के एकतरफ़ा मुक़ाबले के अंत में जिस चीज़ ने सबका ध्यान खींचा, वह थी गंभीर और BCCI सचिव जय शाह का आउटफ़ील्ड पर गंभीर चर्चा करना। वे आईपीएल के बारे में बात कर रहे थे, लेकिन यह बहुत अधिक संभावना है कि शाह उन्हें कोचिंग की सबसे बड़ी नौकरी लेने के लिए प्रेरित कर रहे थे। एक नहीं कई स्रोत, चाहे वे बोर्ड से जुड़े हों या आईपीएल फ्रेंचाइजी से ने इस बात की पुष्टि की है कि यह एक तय सौदा लगता है।
विदेशी कोचेज़ का भारतीय टीम में दिलचस्पी न दिखाना हैरानी की बात ज़रूर है लेकिन दुनिया में बढ़ती लीग क्रिकेट ने ऐसे हालात पैदा कर दिए हैं कि कोई भी अच्छा कोच किसी एक टीम, वो भी नेशनल टीम के साथ लम्बे समय के लिए नहीं जुड़ना चाहता। यही वजह है कि विदेशी कोचों से मिली मायूसी के बाद जय शाह की नज़र गंभीर पर पड़ी, हालाँकि 15 दिन पहले तक गंभीर हेड कोच की दौड़ में दूर दूर तक नहीं थे लेकिन केकेआर की टीम को उन्होंने एकबार फिर जिस तरह संजोया और खिलाडियों से उनका बेस्ट निकलवाया है उसने गंभीर को सबसे आगे खड़ा कर दिया।
खबर तो अब यही है कि सारी बाते तय हो चुकी हैं, कहा तो ये भी जा रहा है कि गंभीर ने ये ज़िम्मेदारी उठाने के लिए कुछ शर्तें भी बोर्ड के सामने रखी जिन्हें बोर्ड ने मंज़ूर कर लिया है और अब बस आधिकारिक एलान होना बाकी है. हालाँकि वो शर्तें क्या थीं इनका अभी खुलासा या पुष्टि नहीं हुई है लेकिन जो लोग गौतम गंभीर के मिजाज़ को जानते हैं वो ये भी जानते हैं कि वो अपनी शर्तों पर ही काम करते हैं, वो काम के पीछे भागने वालों में से नहीं हैं. कहा तो ये भी जा रहा है कि गंभीर ने औपचारिक आवेदन भी नहीं किया है जो कोच बनने के लिए पहली शर्त थी इसके बावजूद भी गंभीर और जय शाह के बीच निगोटिएशन चला और बात फाइनल स्टेज तक पहुंची है.