भारतीय इक्विटी बाजारों से विदेशी निवेशकों (एफपीआई) ने घरेलू शेयरों के उच्च मूल्यांकन और चीन में अपना निवेश स्थानांतरित करने के कारण पिछले पांच कारोबारी सत्रों में करीब 20,000 करोड़ रुपये निकाले। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक इक्विटी बाजार से 2024 में अब तक कुल 13,401 करोड़ रुपये की निकासी कर चुके हैं ।
एफपीआई की बिकवाली निकट अवधि में जारी रहने की संभावना है । यदि Q3 के परिणाम और प्रमुख संकेतक आय में सुधार दर्शाते हैं, तभी परिदृश्य बदल सकता है और एफपीआई बिक्री कम कर सकते हैं और यहां तक कि खरीदार भी बन सकते हैं। मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार के मुताबिक निवेशकों को डेटा का इंतजार करना होगा। एक अन्य निवेश रणनीतिकार सुनील दमानिया ने कहा कि भारतीय बाजार की निकट अवधि की दिशा महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों, कॉर्पोरेट आय की टिप्पणियों और अक्टूबर और नवंबर की शुरुआत में मंदी के जवाब में खुदरा निवेशकों के व्यवहार जैसे घरेलू कारकों से अधिक प्रभावित होगी।
आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने इस महीने अब तक 19,994 करोड़ रुपये का शुद्ध आउट फ्लो दर्ज किया है, जिसमें 4-8 नवंबर के पांच कारोबारी सत्र शामिल हैं। यह अक्टूबर में 94,017 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी के बाद आया है, जो सबसे खराब मासिक आउट फ्लो है। इससे पहले, एफपीआई ने मार्च 2020 में इक्विटी से 61,973 करोड़ रुपये निकाले थे। सितंबर 2024 में, विदेशी निवेशकों ने 57,724 करोड़ रुपये का नौ महीने का उच्च निवेश किया।
अप्रैल-मई में 34,252 करोड़ रुपये निकालने के बाद जून से, एफपीआई ने लगातार इक्विटी खरीदी है। डिपॉजिटरी के आंकड़ों से पता चला है कि जनवरी, अप्रैल, मई और अक्टूबर को छोड़कर, कुल मिलाकर 2024 में एफपीआई शुद्ध खरीदार रहे हैं।