Manipur violence: मणिपुर में हिंसा को चार महीने पूरे हो गए हैं। इसके बाद भी वहां हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही है। सरकार और सुरक्षा बलो की मुस्तैदी के बाद भी उग्रवादी हिंसक गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। आईजीपी आईके मुइवा ने कहा कि मणिपुर में फिलहाल हालात ठीक नहीं हैं। हम शांति के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। मणिपुर में चार महीनों से हिंसा हो रही है। तीन मई को भड़की जातीय हिंसा में अब तक 175 लोग मारे जा चुके हैं। एक हजार से अधिक लोग घायल हुए हैं।
हर संभव कार्रवाई कर रहे
आईजीपी (ऑपरेशन्स) आईके मुइवा ने कहा कि मणिपुर में फिलहाल हालात ठीक नहीं हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों को आश्वस्त कर सकते हैं कि पुलिस, केंद्रीय बल और नागरिक प्रशासन स्थिति सामान्य वापस लाने के लिए चौबीसों घंटे प्रयास कर रहे हैं। मई की शुरुआत में जातीय हिंसा भड़की थी। तब से लेकर कम से कम 175 लोग मारे गए। जिनमें से नौ लापता हैं। 1,108 लोग घायल हैं। जबकि करीब 32 लोग अभी लापता हैं।
बड़ी संख्या में हथियार और गोला-बारूद लूटा
अधिकारी ने कहा कि लापता हथियारों में 1,359 आग्नेयास्त्र और 15,050 गोला-बारूद बरामद किए हैं। बता दें, हिंसा के दौरान कथित तौर पर दंगाइयों ने बड़ी संख्या में हथियार और गोला-बारूद लूटा था। उग्रवादी अब तक 4,786 घरों को आग के हवाले कर चुके हैं। आगजनी के 5,172 मामले दर्ज किए हैं। इसी के साथ उन्होंने बताया कि हिंसा के दौरान 254 चर्चों और 132 मंदिरों को तोड़ा गया है।
बिष्णुपुर जिले के फौगाचाओ इखाई से चुराचांदपुर जिले के कांगवई तक सुरक्षा बैरिकेड हटाए गए हैं। राष्ट्रीय राजमार्गों पर सुरक्षा बढ़ाई है। उन्होंने बताया कि 69 शवों की पहचान अब तक हुई है। शेष 96 शवों पर दावा नहीं किया है। रिम्स और जेएनआईएमएस में 28 और 26 शव रखे हैं। जबकि 42 चुराचांदपुर अस्पताल में हैं। हिंसा को लेकर 9,332 मामले दर्ज हैं। वहीं, 325 लोगों को गिरफ्तार हो चुके हैं।