FICCI: भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापार को लेकर 10 दौर की वार्ताएं पूरी हो चुकी है। फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंटस्ट्री (FICCI) के अध्यक्ष सुभ्राकांत पांडा ने ये जानकारी देते हुए बताया कि भारतीय व्यापार की जहां तक बात है तो हम आत्मविश्वास के साथ और दुनिया से जुड़ने के लिए तैयार हैं।
इंग्लैंड में एफटीए को सुनिश्चित करना होगा
भारत-यूके फ्री ट्रेड एग्रीमेंट की 10 दौर की वार्ताएं पूरी हो चुकी हैं। एफआईसीसीआई प्रमुख ने इंग्लैंड में बताया कि एफटीए को सुनिश्चित करना होगा। जिससे कि दोनों देशों को एक समान अवसर मिल सकेंं राजनीतिक पहुंच के लिए उन्होंने व्यापारियों और सांसदों के साथ मुलाकात की।
दोनों देशों की आपस में हो रही चर्चाएं
फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंटस्ट्री (एफआईसीसीआई) अध्यक्ष सुभ्राकांत पांडा ने कहा कि कि जहां भारत के व्यापार की बात है तो हम आत्मविश्वास के साथ दुनिया से जुड़ने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि एफटीए को सुनिश्चित यह करना चाहिए कि वो एक तरह से खेल मैदान प्रदान करते हैं। जो नियमों पर होते हैं। लेकिन व्यापार सिर्फ लेन-देन पर ही चलते हैं। दोनों देशों की सरकार इस पर कई दौर की बातचीत में चर्चाएं कर चुकी है। 10 दौर की बातचीत पूरी होने के बाद मुझे लगता है कि दोनों देशों को मिलकर आधार तलाशना होगा। भारत-यूके जनवरी 2022 से एफटीए पर बातचीत कर रहे हैं।
दोनों देश चाहते हैं रणनीतिक विकास
उन्होंने कहा कि हम इन बातचीतों का निष्कर्ष निकाल पाएंगे ऐसी हमकों उम्मीद है। भारत सरकार को ये जानकारी देने के लिए हमने पेशकश की है। कुछ सदस्यों ने व्यक्तिगत रूप से अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं। आएमएफए के प्रबंध निदेशक पांडा ने कहा कि प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में खनिज पदार्थों पर ध्यान केंद्रित किया है। सरकार इस ओर रणनीतिक विकास करना चाहती है।
भारत आयात पर निर्भर
पांडा ने कहा कि हम सब विकास की बात तो करते हैं। जब विकास की बात होती है तो सतत विकास की तरफ ध्यान जाता है। खनिज पदार्थों की पूर्ति के लिए भारत आज भी आयात पर निर्भर है। एफआईसीसीआई की रिपोर्ट खनिज पदार्थों के भूगर्भीय और भौगोलिक जानकारियों पर ही जोर देती है। जिसमें खनिज पदार्थों की उपलब्धता व विश्व में उनके पाये जाने का स्थान और मांग की भविष्यवाणी का जिक्र किया है।