नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से संसद में कहा गया कि क्रेडिट कार्ड के जरिए विदेशों में होने वाला भुगतान को लिब्रलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम के तहत लाया जाएगा। जिससे कि वे टैक्स कलेक्शन एट सोर्स यानी टीसीएस से बच पाएं।
लोकसभा में फाइनेंस बिल 2023 पर जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक इस मामले को देख रहा है और विदेश में क्रेडिट कार्ड को एलआरएस सिस्टम के तहत लाए जाने को लेकर कार्य कर रहा है। जिससे टीसीएस से बचा न जा सके।
उन्होंने सदन में कहा था कि ऐसा देखा गया है कि क्रेडिट कार्ड के जरिए होने वाला विदेशी भुगतान एलआरएस के तहत नहीं आता है। इस तरह के भुगतान टीसीएस के दायरे से बाहर है।
क्या है लिब्रलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट 1999
इसमें भारत के बाहर किए जाने वाली भुगतान का लेखाजोखा रखा जाता है। LRS के तहत एक भारतीय विदेश में करीब 2,50,000 डॉलर तक की राशि ले जा सकता है। इससे अधिक ले जाने के लिए उसे आरबीआई से अनुमति लेनी पड़ती है।
सरकार की ओर से आम बजट 2023 में एलआरएस के तहत भेजी जाने वाली राशि ‘मेडिकल और शिक्षा पर खर्चों को छोड़कर’ एक अप्रैल 2023 से टीसीएस पर 20 प्रतिशत लिया जाएगा। इस प्रस्ताव से पहले 7 लाख से अधिक की राशि पर 5 प्रतिशत टीसीएस लिया जाता है।
क्या प्रभाव होगा
अगर क्रेडिट कार्ड से विदेश में होने वाले लेनदेन को एलआरएस के तहत लाया जाता है। तो विदेश में क्रेडिट कार्ड से होने वाले लेनदेन पर टीसीएस लगेगा। आगे इस मामले में स्पष्ट दिशानिर्देश आरबीआई की ओर से ही दिए जाएंगे।