नई दिल्ली। चैट जीपीटी की लोकप्रियता को देखते हुए गूगल ने अपना एआई चैटबोट Bard AI मार्केट में लांच कर दिया। इसके कारण ओपन एआई चैट जीपीटी और माइक्रोसॉफ्ट के बिंग एआई के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है। बार्ड ने उत्पादकता, रचनात्मकता युक्त एआई को लांच किया है। हालांकि अभी गूगल का बार्ड यूएस और यूके में ही लांच किया गया है। अन्य देशों में इसे लांच करने की तैयारी की जा रही है।
चैट जीपीटी की तरह पूछ सकते हैं सवाल
बार्ड एआई से चैट जीपीटी की तरह सवाल पूछ सकते हैं। जैसे अगर सवाल पूछ रहे हैं कि मुझे 20 पढ़ने लायक किताबें बताएं तो ये उसका विस्तृत जवाब दे सकता है। बार्ड एक लार्ज लैंगुएज मॉडल (LLM) है जो कि LaMDA का ऑप्टिमाइज वर्जन है। गूगल बार्ड टेक्नोलॉजी को 2015 से डेवलप कर रहा था। ज्यादा देशों में जारी न किए जाने पर गूगल ने कहा कि हम इसे बाजार में पूरी जिम्मेदारी के साथ लाना चाहते हैं। गूगल बार्ड को चलाने के लिए आपके पास एक जीमेल एड्रेस होना जरूरी है। ये वर्कप्लेस E Mail अकाउंट्स को असेप्ट नहीं करता है।
गूगल बार्ड चैट जीपीटी के बारे में महत्वपूर्ण
गूगल बार्ड इंटरनेट से सवालों के जवाब लेता है। ये एक रियल टाइम Data को यूजर्स के लिए जनरेट करता है। वहीं चैट जीपीटी 2021 से पहले के डेटा को मोडीफाई करके यूजर्स को दे रहा है। बार्ड ने 2023 में प्रकाशित हुई एक किताब की समरी लिखी है। बार्ड को चैट जीपीटी के बारे में पता है लेकिन चैट जीपीटी अभी तक बार्ड से अन फेमिलियर है।
चैट जीपीटी को ओपन एआई द्वारा तैयार किया गया। वहीं बार्ड को गूगल लेकर आया। चैट जीपीटी 175 बिलियन पैरामीटर्स पर है वहीं गूगल बार्ड 137 बिलियन पैरामीटर्स पर। 2021 से पहले के डेटा पर चैट जीपीटी काम करता है। जबकि बार्ड सर्च करने वाले दिन के अनुसार जवाब दे सकता है। चैट जीपीटी की कमजोरी ये है कि यह पूरी तरह स्पष्टता के साथ डायलॉग नहीं कन्वेंस कर पाता। वहीं गूगल बार्ड नॉर्मल टेक्स्ट तैयार करने में अभी सक्षम नहीं है।