वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद के पटल पर आर्थिक सर्वेक्षण 2023 को रखा. सर्वेक्षण में वित्त वर्ष 2023-24 के जीडीपी विकास दर 6 से 6.8 फीसदी तक रहने का अनुमान जताया गया है. जबकि पिछले साल यह अनुमान 8-8.5 फीसदी रहने का था. इससे पहले संसद का बजट सत्र राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण से शुरू हुआ.
कैपेक्स में सालाना आधार पर 63.4 फीसदी का इज़ाफ़ा
इकनोमिक सर्वे में कहा गया है कि FY23 7.5 लाख करोड़ रुपये के कैपिटल एक्सपेंडीचर का लक्ष्य केंद्र सरकार पूरा कर लेगी. सर्वे के मुताबिक इस कैपिटल एक्सपेंडीचर की वजह से प्राइवेट निवेशकों में भी तेजी नजर आने लगी है. सर्वे के मुताबिक FY23 के पहले 8 महीनों के दौरान सरकार के कैपेक्स में सालाना आधार पर 63.4 फीसदी का इज़ाफ़ा हुआ है जिसने देश की इकॉनमी के लिए ग्रोथ ड्राइवर का काम किया है. सर्वे में दावा किया गया है कि महंगाई की यह दर इतनी अधिक नहीं है जिससे प्राइवेट कंजप्शन घट जाए .
बढ़ सकते हैं इम्पोर्ट बिल
आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि पूरी दुनिया की ग्रोथ धीमी पड़ने और ग्लोबल ट्रेड में गिरावट आने का असर FY22 की दूसरी छमाही के दौरान देश के एक्सपोर्ट पर पड़ा है. सर्वे 2023 में कहा गया है कि देश की अंदरूनी डिमांड में मजबूती के कारण इंपोर्ट बिल बढ़ सकते हैं. इकनोमिक सर्वे में कहा गया है कि अगर देश के चालू खाते के घाटे में इजाफा हुआ तो रुपये पर दबाव बढ़ सकता है. सर्वेक्षण के मुताबिक FY24 में देश की बेसलाइन रियल GDP ग्रोथ रेट 6.5% रहने का अनुमान है. वहीँ FY24 के दौरान देश की बेसलाइन नॉमिनल GDP 11% रहने का अनुमान है.