अक्सर सरकार पर आरोप लगते हैं कि खेलों के लिए बजट में ध्यान नहीं दिया जाता, इसके बावजूद भी खिलाडियों से अपेक्षा राखी जाती है कि वो देश के लिए मेडल्स जीतें और चमचमाती ट्रॉफियां हासिल करें। जहाँ तक भारत की बात है तो खेलों के लिए सबसे कम बजट अलॉट होता है, बावजूद इसके देश के एथलीट ओलम्पिक और एशियाई खेलों में मेडल्स हासिल कर देश का सम्मान बढ़ाते हैं. सरकार अगर इनके लिए ट्रेनिंग आदि की व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाये तो देश के एथलीट कहीं ज़्यादा ऊंचा नाम हासिल कर सकते हैं. भले ही यह चुनावी वर्ष है लेकिन लगता है मोदी सरकार ने इस बारे में ध्यान दिया है.
खेल बजट 3397.32 करोड़ रुपये
आज संसद में पेश हुए वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में सरकार ने खेल बजट में 700 करोड़ रूपये बढाकर 3397.32 करोड़ रुपये जारी करने का ऐलान किया है. सरकार के इस एलान से खिलाडियों में काफी ख़ुशी है. आने वाले कुछ महीनों में दुनिया में कई बड़े टूर्नामेंट होने हैं जिनमें इन एथलीटों को प्रतिभाग करना है, ऐसे में बढे हुए बजट से उन्हें ट्रेनिंग इत्यादि के लिए बहुत मदद मिलेगी। बता दें कि कई ऐसे खेल होते हैं जिनके लिए एथलीटों को विदेशों में जाकर ट्रेनिंग लेनी पड़ती है, खेल बजट में 700 करोड़ के इज़ाफ़े से अब उन्हें काफी राहत मिल सकती है.
अगले कुछ महीनों में होने हैं एशियन और ओलम्पिक गेम्स
बता दें कि पिछले साल खेल मंत्रालय को जितना बजट मिला था उसकी तुलना में नए बजट में मिली रकम 723.97 करोड़ रुपये ज्यादा है. अभी आगे चीन में एशियन गेम्स और अगले साल पेरिस में ओलिंपिक गेम्स होने वाले हैं जिनकी तैयारियों के लिए बहुत से खिलाड़ियों को ट्रेनिंग के लिए विदेश भेजा जायेगा। पिछले बजट में खेल मंत्रालय के लिए आवंटन 3,062.60 करोड़ रुपये था लेकिन बाद में उसमें कटौती कर दी गयी थी और सिर्फ 2,673.35 करोड़ रुपये ही मिले थे. अब देखना यह होगा कि कहीं पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी कटौती न हो जाए. सरकार ने खेलो इंडिया के राष्ट्रीय कार्यक्रम के लिए इस बार 1,045 करोड़ रुपये आवंटित किए गये हैं. जबकि पिछली बार 606 करोड़ रुपये आबंटित हुए थे.