वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में नए वित्त वर्ष का केंद्रीय बजट पेश किया. बजट को जहाँ भाजपा ने सराहा तो विपक्ष ने आलोचना की हालाँकि कुछ पार्टियों ने ठीक ठाक भी बताया। शेयर बाजार में भी पसंद नापसंद का माहौल रहा. बजट आते ही जहाँ सेंसेक्स 1000 पॉइंट तक भाग गया वहीँ लुढकर उतनी ही तेज़ी से नीचे भी आया, इसबीच उत्तर प्रदेश की मुख्या विपक्षी समाजवादी पार्टी ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए उसे एक निराशाजनक बजट बताया जिसे सिर्फ लोकसभा चुनाव को देखकर बनाया गया है.
अबतक कुछ नहीं दिया तो आगे क्या देगी
बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा अब तक दस बजट पेश कर चुकी और जब इसने पिछले बजटों में जनता को कुछ नहीं दिया तो अब क्या देगी। अखिलेश ने कहा की इस भाजपाई बजट से महंगाई और बेरोज़गारी और बढ़ेगी. किसान, मज़दूर, युवा, महिला, नौकरीपेशा, व्यापारी वर्ग और निराश होगा क्योंकि ये बजट चंद बड़े लोगों को ही फायदा पहुंचाने के लिए बनता है. सपा सांसद डिंपल यादव ने बजट को चुनावी बजट करार दिया। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए कुछ नहीं है। किसानों की एमएसपी की बात नहीं की है। रेलवे को पूरी तरह नजरअंदाज किया गया है। बकौल डिंपल- आधी से ज्यादा आबादी गांव में बसती है लेकिन उनके लिए कुछ नहीं किया है। ये बहुत ही निराशाजनक बजट है।
पेट भरने के अलावा भी होते हैं खर्चे
वहीँ समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव रामगोपाल यादव ने बजट को निराशाजनक बताते हुए कहा कि किसी के लिए राहत नहीं है. बजट में रोज़गार , किसान के लिए कुछ नहीं है. चुनाव से पहले आखरी बजट होने से इस बजट से बड़ी उम्मीदें थी लेकिन किसी की भी उम्मीद पूरी नहीं हुई है. सपा नेता ने कहा कि ग़रीबों को सिर्फ पेट भरने के अलावा पढ़ाई की फीस आदि भरने की भी ज़रूरत होती है लेकिन इसका कहीं कोई ख्याल नहीं रखा गया है. उन्होंने कहा कि इनकम टैक्स में जो छूट बधाई गयी है उसका मकसद सिर्फ़ पुराने टैक्स स्कीम से लोगों को नए टैक्स स्कीम में शिफ्ट करने की है.