India में ही रहेगी बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी, टीम इंडिया ने जीती 2-1 से श्रंखला

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अहमदाबाद टेस्ट के पांचवें दिन ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी में 79 वे ओवर की पहली गेंद के बाद दोनों टीमों के कप्तानों ने ड्रॉ करने की रज़ामंदी दे दी है। स्मिथ और लाबुशेन के हाथ मिलाते ही मैच को बराबरी पर ख़त्म मान लिया गया. इंदौर के बाद ऑस्ट्रेलिया को अपने प्रदर्शन को उठाना था और उन्होंने इसे अच्छे अंदाज़ में किया। पहले दिन टॉस हारने के बाद लगभग एक या दो सेशन तक वह थोड़े असहज दिखे लेकिन बाद में अश्विन की अगुआई में गेंदबाज़ों ने ज़बरदस्त वापसी की। शुभमन गिल और विराट कोहली के शतकों ने फिर ऑस्ट्रेलिया के लिए जीत के सारी संभावनाओं को तोड़ दिया। सीरीज़ 2-1 से भारत के नाम रही और अब यही दो टीमें विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फ़ाइनल में 7 जून से आपस में भिड़ेंगी।

पहली बार बल्लेबाज़ों का बोलबाला

बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में यह पहला टेस्ट था जिसमें बल्लेबाज़ों का बोलबाला रहा. इस मैच में चार शतक आये, दो ऑस्ट्रेलिया की तरफ से और दो भारत की तरफ से. विराट कोहली और उस्मान ख्वाजा तो डबल के पास भी पहुँच गए थे. इससे पहले तीनों टेस्ट मैचों में गेंदबाज़ों का बोलबाला रहा, दोनों ही टीमों के स्पिनर्स ने ज़बरदस्त गेंदबाज़ी की और बल्लेबाज़ों को लगातार परेशान रखा. तीनों ही टेस्ट तीन दिन के अंदर ही ख़त्म हो गए. श्रंखला में पहली बार ऐसा हुआ जब गेंदबाज़ संघर्ष करते दिहाई दिए और बल्लेबाज़ उनपर हावी रहे.

नहीं हुआ ऑस्ट्रेलिया का कोलैप्स

आज जब खेल शुरू हुआ तो सिर्फ एक बात नतीजे निकाल सकती थी कि ऑस्ट्रेलिया का कोई कोलैप्स दिखाई दे, क्योंकि पिछले सभी मैचों में ऑस्ट्रेलिया की टीम कोलैप्स का शिकार बनी थी, ऐसे में लोग उम्मीद लगा रहे थे कि एकबार फिर ऐसा हो लेकिन ऐसा नहीं हुआ. आज कल के नाबाद बल्लेबाज़ मैथ्यू कुनमन जल्दी आउट हुए, उन्हें अश्विन ने पगबाधा किया। उसके बाद ट्रेविस हेड और मार्नस लाबुशेन ने 139 रनों की साझेदारी कर नतीजे की किसी भी सम्भावना को ख़त्म कर दिया। ट्रेस हेड 90 रनों की पारी खेलकर अक्षर की गेंद पर बोल्ड हुए. मार्नस लाबुशेन 63 रनों की पारी खेली, वहीँ कप्तान स्टीव स्मिथ 10 रन बनाकर नाबाद रहे.

लॉयन ने कहा, और बेहतर कर सकते थे

मैच के बाद नेथन लायन ने कहा कि हम और बेहतर कर सकते थे। यहाँ की पिच बिलकुल अलग थी, गेंदबाज़ी करना काफ़ी मुश्किल है। वहीँ शुभमन गिल ने कहा वह हमेशा आपके धैर्य की परीक्षा लेते हैं। आप उन पर दबाव डालना भी चाहे तो वह दबाव नहीं लेते। नाथन लॉयन के बारे में गिल ने कहा कि उनकी गति से भी ज़्यादा उनकी निरंतरता कबीले तारीफ है। हमेशा ऑफ़ स्टंप पर गेंद डालते हैं और आपको शॉर्ट बॉल भी ज़्यादा नहीं देते।

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