जबसे रूस ने यूक्रेन पर हमला किया है परमाणु यद्ध की बातें होने लगी हैं, जैसे जैसे यह युद्ध लम्बा होता जा रहा है, इसकी आशंका और बलवती होती जा रही है. कहा जा रहा है कि रूस अब हर हालत में यूक्रेन पर कामयाबी पाना चाहता है और इसके लिए वो परमाणु हमला करने में कोई गुरेज़ नहीं करेगा। इस मामले में अब NATO के पूर्व उप-महासचिव कैमिले ग्रैंड का बयान आया है, कैमिले ग्रैंड का कहना है कि यह पहला मौका है जब किसी एटमी ताकत से लैस देश ने पारम्परिक युद्ध छेड़ा है.
कैमिले ग्रैंड का बयान
कैमिले ग्रैंड ने कहा कि परमाणु हमले की आशंका के बावजूद हथियारों का वास्तव में इस्तेमाल किया जाना अब भी ‘असंभावित’ है. यूक्रेन पर हुए हमले के बाद से ही रूसी TV मीडिया पर बार-बार पश्चिमी देशों के शहरों पर परमाणु हमलों को लेकर चर्चा की गई है. एक पूर्व रूसी राजनयिक ने दुनिया को आगाह करते हुए कहा कि अगर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन को देश के वजूद पर कोई खतरा महसूस हुआ, तो “वह nuclear बटन दबा देंगे।
रणनीतिक ‘टैबू’ फिलहाल कायम
बता दें कि 1945 में हिरोशिमा और नागासाकी पर अमेरिका के एटमी हमले के बाद नैतिक और रणनीतिक ‘टैबू’ फिलहाल कायम है. वैसे इस साल हुई घटनाएं पूरे यूरोप के लिए आंखें खोल देने वाली रही हैं क्योंकि पिछले कई दशकों तक परमाणु सुरक्षा के मामले में शीत युद्ध से मिल रहे लाभ का पूरा यूरोप आनंद लेता रहा है, जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इसी साल अक्टूबर में संभावित ‘विश्वयुद्ध’ का खतरा मंडराने की चेतावनी दी थी.