ओडिसा में बात बिगड़ने के बाद अब पंजाब में भी भाजपा की अकाली दल से बात बिगड़ गयी है और इसीलिए भाजपा ने पंजाब में अकेले चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है. ये जानकारी कांग्रेस से भाजपा में गए प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने अपने एक्स अकाउंट से दी. उन्होंने कहा कि भाजपा पंजाब की सभी 13 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। दोनों दलों के बीच पंजाब में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का मुकाबला करने के लिए सीटों के गठबंधन की बात हो रही थी मगर दोनों के बीच गठबंधन न हो सका. इसका मतलब है कि पंजाब में इस बार चतुष्कोणीय मुकाबला होगा।
इससे पहले इंडिया गठबंधन में साथ होने के बावजूद आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस पार्टी के साथ पंजाब में गठबंधन करने से साफ़ इंकार कर दिया था, हालाँकि AAP और कांग्रेस ने दिल्ली, चंडीगढ़, गोवा और गुजरात को लेकर समझौता किया है. पंजाब के मुख्यमंत्री का कहना है कि आम आदमी पार्टी पंजाब की सभी सीटें जीतने की पोजीशन में है, ऐसे में किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन का सवाल नहीं, वहीँ कांग्रेस पार्टी भी पंजाब में गठबंधन न होने से नाराज़ नहीं है, उसे भी लगता है कि पंजाब में अकेले जाने से पार्टी को ज़्यादा फायदा मिलेगा।
उधर भाजपा, अकाली दल से गठबंधन करने को लेकर गंभीर थी लेकिन अकाली दल किसानों के मुद्दे पर मोदी सरकार के रवैये को लेकर कश्मकश में थी कि साथ में चुनाव लड़ा जाय या फिर अकेले। बाद में अकाली दल ने अकेले जाने का फैसला किया और इससे पहले वो एलान करती, भाजपा ने अकेले चुनाव लड़ने का एलान कर दिया। इसका मतलब है कि पंजाब में अब प्रधानमंत्री मोदी के निशाने पर तीन-तीन पार्टियां होंगी। उनका काम थोड़ा मुश्किल हो गया है कि किस पार्टी पर ज़्यादा फोकस किया जाय.