हरियाणा विधानसभा के चुनाव के बीच और मतदान से एक हफ्ता पहले डेरा की दो शिष्याओं से दुष्कर्म के आरोप में 20 साल की सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने एक बार फिर पैरोल की मांग की है। अभी पिछले महीने ही गुरमीत राम रहीम को 21 दिन की फरलो दी गई थी और इस बार उन्होंने 20 दिन की पैरोल की मांग की है। चूँकि चुनाव चल रहे हैं इसलिए राज्य सरकार ने उनके अनुरोध को मुख्य चुनाव अधिकारी के पास भेज दिया है।
जानकारी के मुताबिक मुख्य चुनाव अधिकारी ने राज्य सरकार से इस आपातकालीन पैरोल के बारे में पूछा है जिसमें कहा गया है कि चुनाव अवधि के दौरान किसी दोषी को पैरोल पर रिहा करना कितना सही है? डेरा प्रमुख फिलहाल हरियाणा के रोहतक की सुनारिया जेल में बंद हैं। डेरा प्रमुख राम रहीम को अक्सर चुनावी सरगर्मियों के दौरान पेरोल या फरलो मिलती रही है. अब तक उन्हें 11 बार में 221 दिन की पेरोल और में 51 दिन की फरलो मिल चुकी है. कुल मिलकर मिलाकर डेरा प्रमुख 13 बार जेल से बाहर आ चुके हैं. पिछले महीने की 13 तारीख को उन्हें 21 दिन की फरलो दी गई थी।
बताया जा रहा है कि कुछ दिन पहले रेप के आरोपी डेरा प्रमुख ने जेल अधीक्षक को 20 दिन की पैरोल पर जेल से बाहर आने के लिए आवेदन दिया था। हरियाणा सरकार ने डेरा प्रमुख को पैरोल पर रिहा करने की मांग वाली अर्जी राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को भेज दी है जो अब हरियाणा जेल विभाग के पास आई है। जेल विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सामान्य परिस्थितियों में पैरोल मांगने के लिए कारण बताने की जरूरत नहीं होती। सिर्फ आपातकालीन पैरोल के लिए कारण बताना जरूरी है। राम रहीम की 20 दिन की पैरोल 2024 तक बची है इसलिए कारण बताने की जरूरत नहीं है। अब देखना होगा कि उन्हें 14वीं बार जेल से बाहर आने का मौका मिलेगा या नहीं। विपक्ष का कहना है कि चुनावी मौसम में भाजपा सरकार डेरा प्रमुख को पेरोल या फरलो के द्वारा जेल से बाहर लाकर चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश करती है. हिसार और आसपास के ज़िलों में राम रहीम के समर्थकों की एक बड़ी संख्या है.