नई दिल्ली। आबकारी घोटाला मामले में पांच दिन की सीबीआई रिमांड पर चल रहे दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं। उनके वकीलों ने गिरफ्तारी के खिलाफ और सीबीआई के काम करने के तरीकों के खिलाफ याचिका दायर की है।
आज दोपहर होगी सुनवाई
डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के वकील अदालत में मामले की सुनवाई जल्द करने की अपील की है। चीफ जस्टिस के सामने याचिका पहुंची तो अदालत ने इस मामले में सुनवाई के लिए आज दोपहर 3.50 बजे का समय दिया है।
डिप्टी सीएम पांच दिन की सीबीआई हिरासत में
अदालत ने दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति मामले में गिरफ्तार डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को पांच दिन की सीबीआई रिमांड पर भेजा है। अदालत ने माना कि जांच के लिए रिमांड जरूरी है। वहीं सिसोदिया की तरफ से कहा गया कि तत्कालीन उपराज्यपाल ने आबकारी नीति में बदलावों को मंजूरी दी थी। लेकिन सीबीआई निर्वाचित सरकार के पीछे पड़ी हुई है।
दिल्ली के उपराज्यपाल के सुझाव से नीति लागू
सिसोदिया के वकील ने रिमांड पर आपत्ति जताते हुए कहा कि सिसोदिया ने अपने मोबाइल फोन बदले हैं, लेकिन यह अपराध नहीं है। दिल्ली के उपराज्यपाल से सुझाव लेने के बाद नीति लागू की गई थी और इसके लिए परामर्श की जरूरत थी, इसलिए साजिश की कोई गुंजाइश नहीं थी। सिसोदिया ने हर चीज खुली रखने की कोशिश की।
उन्होंने कहा नीति लागू करने के दौरान तत्कालीन उपराज्यपाल ने आबकारी नीति में बदलावों को मंजूरी दी थी, लेकिन सीबीआई निर्वाचित सरकार के पीछे पड़ी हुई है। सिसोदिया के खिलाफ कोई सबूत नहीं है। उन्होंने कहा कि सिसोदिया वित्त मंत्री हैं।
उन्हें बजट पेश करना है। कल ऐसा क्या बदल गया कि वित्त मंत्री को हिरासत में रखना है? वह आगे उपलब्ध नहीं रहेंगे या यह गिरफ्तारी छिपे हुए मकसद को लेकर की गई? यह मामला एक व्यक्ति और संस्था पर हमला है। यह रिमांड से इनकार करने का एक ठीक आधार है।