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अंकिता भंडारी हत्याकांड: आरोपी की रिमांड पर कोर्ट आज करेगी फैसला, पटवारी पर कसा एसआईटी का शिकंजा

उत्तराखंडअंकिता भंडारी हत्याकांड: आरोपी की रिमांड पर कोर्ट आज करेगी फैसला, पटवारी...

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ऋषिकेश। अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में गिरफ्तार भाजपा नेता के बेटे पुलकित, अंकित और सौरभ की रिमांड पर आज कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी। वहीं एसआईटी टीम में शामिल एक अधिकारी ने बताया कि बताया कि कल बुधवार को कोटद्वार  कोर्ट में आरोपियों के चार दिन के लिए रिमांड पर लेने की अर्जी दी गई थी। आज फैसले के बाद अगर रिमांड मिलेगी तो इसके बाद आरोपियों को जेल से लाकर पूछताछ शुरू की जाएगी। उनके साथ घटनास्थल पर क्राइम सीन को दोहराया जाएगा। आरोपियों से घटना के दिन और उसके बाद के सारे घटनाक्रम की जानकारी एसआईटी विस्तार से लेगी।  वहीं अंकिता भंडारी की गुमशुदगी की सूचना मिलने के तुरंत बाद छुट्टी जाने वाला पटवारी वैभव पर भी एसआईटी ने शिकंजा कस दिया है। पटवारी भी एसआईटी की जांच के दायरे में आ गया है। पूछताछ में पटवारी के खिलाफ सुबूत मिले तो उसे हत्या के साक्ष्य मिटाने का आरोपी बनाया जा सकता है।

बता दें कि गत 18 सितंबर को लापता हुई अंकिता भंडारी का शव 24 सितंबर को चीला बैराज से मिला था। इससे पहले 23 सितंबर को पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया था। इसी के साथ भाजपा नेता विनोद आर्य के बेटे पुलकित आर्य उसके रिजॉर्ट के दो मैनेजर सौरभ और अंकित को गिरफ्तार कर लिया था। 24 सितंबर को मामले की जांच को एसआईटी गठित की गई थी। आरोपियों को रिमांड पर लेने से पहले एसआईटी ने घटनास्थल और भाजपा नेता के रिजार्ट का निरीक्षण करने के साथ परिजनों से जानकारी ली थी। रिजॉर्ट के कर्मचारियों से पूछताछ की और फोरेंसिक सबूत भी जुटाए थे। 

दूसरी ओर अंकिता की गुमशुदगी की सूचना मिलने के तुरंत बाद छुट्टी पर गए पटवारी वैभव पर एसआईटी ने शिकंजा कस दिया है। अंकित, पुलकित और सौरभ की कॉल डिटेल से मिले सुराग के बाद एसआईटी हत्या के समय के आसपास मोबाइल फोन की कॉल डिटेल का परीक्षण कर रही है। इसी आधार पर जल्द पटवारी को पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि हत्या के कितनी देर पहले और कितनी देर बाद पटवारी को फोन किया गया। वारदात के बाद पटवारी का छुट्टी लेना और फोन बंद होना उसकी भूमिका के बादे में भी शक बढ़ा रहा है। रिमांड में आरोपियों से पटवारी की भूमिका पर भी सवाल होंगे। सुराग मिले तो पटवारी को साक्ष्य मिटाने और लोक सेवक होते हुए अपराध को छिपाने का अपराधी बनाया जाएगा।

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