प्रधानमंत्री मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं, उनके साथ कुल 69 लोग मंत्री पद की शपथ लेंगे लेकिन इस शपथ ग्रहण से पहले NDA गठबंधन के एक घटक दल ने उनको ऑफर किये गए MOS इंडिपेंडेंट चार्ज को लेने से इंकार कर दिया है. शपथ ग्रहण से पहले खटपट की बातें नयी सरकार के लिए खतरा कही जा सकती है. अभी तो पार्टी शुरू भी नहीं हुई और रंग में भंग पड़ना शुरू हो गया है जिसकी बात लोग नतीजे आने के बाद करने लगे थे.
एनसीपी नेता अजित पवार ने प्रेस कांफ्रेंस में ये दावा किया कि हमें भी शिवसेना की तरह एक कैबिनेट मंत्री पद मिलना चाहिए था. इससे पहले प्रफुल्ल पटेल ने भी ये कहा था कि उन्हें राज्यमंत्री का पद ऑफर हुआ था, लेकिन वो कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं, इसलिए मना कर दिया. प्रफुल्ल पटेल के मुताबिक उन्हें कुछ समय इंतजार करने के लिए कहा गया है. उन्होंने दावा किया है कि मुझे राज्यमंत्री बनाया जा रहा था. मैं कैबिनेट मंत्री रह चुका हूं, इसलिए मैंने मना कर दिया. हालांकि सरकार से मतभेद पर उन्होंने कहा कि हमारे बीच कोई मतभेद नहीं है.
अजीत पवार ने कहा कि एनसीपी के संसद में अभी दो सदस्य हैं, एक लोकसभा में और एक राज्यसभा में लेकिन जल्दी एनसीपी की राज्यसभा में संख्या तीन हो जाएगी और इस तरह एनसीपी के चार सदस्य हो जायँगे, इसलिए हमें एक कैबिनेट मंत्रालय चाहिए, अजीत पवार ने कहा कि उनकी जेपी नड्डा और अमित शाह से बात हुई थी और उन्होंने अपनी बात उनतक पहुंचा दी थी. अजीत पवार ने कहा वो थोड़ा रुकने को तैयार हैं लेकिन कैबिनेट दर्जे से कम नहीं लेंगे। दरअसल महाराष्ट्र में जिस तरह के नतीजे आये हैं उससे ये बातें चलने लगी थीं कि महायुति सरकार का भविष्य अब अन्धकारमय हो गया है। नतीजों में अजीत पवार की एनसीपी ने सबसे खराब प्रदर्शन किया जिसके बाद ये कह जाने लगा कि एनसीपी के कुछ विधायक वापस शरद पवार के पास जा सकते हैं.