Commerce Ministry report: भारत के वाणिज्य मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट जारी की है। जिसमें बताया गया है कि भारत को सबसे बड़ा कारोबारी भागीदार अमेरिका बन गया है। जबकि चीन दूसरे नंबर पर है। अमेरिका ने चीन को पीछे छोड़ दिया है।
अप्रैल-सितंबर में अमेरिका का निर्यात 41.49 अरब डॉलर से घटकर 38.28 अरब डॉलर रहा है। आयात 25.79 अरब डॉलर से कम होकर 21.39 अरब डॉलर रहा है। चीन के साथ कारोबार 3.56 फीसदी घटकर 58.11 अरब डॉलर रहा है।
वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच घटते निर्यात-आयात
वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं और घटते निर्यात-आयात के बावजूद चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बन गया है। जबकि चीन दूसरे स्थान पर पहुंच गया है। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल-सितंबर में भारत और अमेरिका के बीच व्यापार 11.3 प्रतिशत घटकर 59.67 अरब डॉलर रहा है। जो पिछले साल की समान अवधि में 67.28 अरब डॉलर था।
अप्रैल-सितंबर में अमेरिका को निर्यात 41.49 अरब डॉलर से घटकर 38.28 अरब डॉलर रहा है। आयात 25.79 अरब डॉलर से कम होकर 21.39 अरब डॉलर रहा है। चीन के साथ कारोबार 3.56 प्रतिशत से घटकर 58.11 अरब डॉलर रहा है।
द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाने का रुख
पहली छमाही में चीन को भारत से निर्यात मामूली गिरकर 7.74 अरब डॉलर रहा जबकि आयात घटकर 50.47 अरब डॉलर रहा है। अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाने का रुझान आने वाले वर्षों में जारी रहेगा। नई दिल्ली और वाशिंगटन आर्थिक संबंधों को और मजबूत करने में लगे हुए हैं। अमेरिका उन कुछ देशों में से एक है जिसके साथ भारत का व्यापार सरप्लस है। 2022-23 में अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार था। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2021-22 में 119.5 अरब डॉलर के मुकाबले 2022-23 में 128.55 अरब डॉलर हो गया।