चैंपियंस ट्रॉफी के गतिरोध को लेकर अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद, पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के बीच बातचीत किसी समाधान की ओर बढ़ती नहीं दिख रही है। उम्मीद की किरण तब दिखी जब पाकिस्तान बोर्ड ने हाइब्रिड मॉडल अपनाने पर सहमति जताई, जिसके तहत भारत के मैच दुबई में होंगे, हालांकि कुछ शर्तों के साथ। हालांकि, भारतीय बोर्ड ने कथित तौर पर पाकिस्तान की ‘शर्तों’ को खारिज कर दिया है, जिसमें पीसीबी ने भारत में आयोजित होने वाले आईसीसी आयोजनों के लिए भी यही ‘हाइब्रिड मॉडल’ अपनाने को कहा था।
बीसीसीआई ने अपनी टीम की ‘सुरक्षा चिंताओं’ के कारण आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के लिए अपनी टीम को पाकिस्तान भेजने से इनकार कर दिया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बीसीसीआई ने पीसीबी की मांग को खारिज करते हुए कहा कि भारत में आयोजित होने वाले आईसीसी आयोजनों के लिए हाइब्रिड मॉडल नहीं अपनाया जा सकता क्योंकि देश में कोई ‘सुरक्षा खतरा’ नहीं है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बीसीसीआई ने इस संबंध में आईसीसी के शीर्ष अधिकारियों को स्पष्ट संदेश भेजा है, जिससे गतिरोध फिर से शुरू हो गया है। बीसीसीआई का स्पष्ट कहना है कि भारत में कोई सुरक्षा खतरा नहीं है और इसलिए इस तरह की व्यवस्था को स्वीकार करने का कोई सवाल ही नहीं उठता।
भारत को अगले कुछ वर्षों में कई आईसीसी आयोजनों की मेजबानी करनी है, जिसमें महिला वनडे विश्व कप 2025 और श्रीलंका के साथ संयुक्त रूप से 2026 में टी20 विश्व कप शामिल है। 2029 चैंपियंस ट्रॉफी और 2031 वनडे विश्व कप भी भारत में आयोजित होने वाले हैं। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि यह समझा जाता है कि सभी संबंधित पक्ष संकट को समाप्त करने के लिए एक सौहार्दपूर्ण समाधान खोजने की दिशा में काम कर रहे हैं और आईसीसी बोर्ड अगले कुछ दिनों में फिर से बैठक करेगा। अगर इस मामले पर उसका अड़ियल रुख जारी रहा तो पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड अगले साल चैंपियंस ट्रॉफी के लिए अपने मेजबानी अधिकार भी खो सकता है। पीसीबी ने पहले कथित तौर पर धमकी दी थी कि अगर आईसीसी टूर्नामेंट को किसी दूसरे देश में स्थानांतरित करने का फैसला करता है तो वह चैंपियंस ट्रॉफी से हट जाएगा।