भारत विरोधी रुख अपनाने वाले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सोमवार को घोषणा की कि वे सत्ताधारी लिबरल पार्टी के नेता और प्रधानमंत्री पद से नौ साल बाद इस्तीफा देने का इरादा रखते हैं, लेकिन पार्टी द्वारा किसी अन्य को चुनने तक वे अपने पद पर बने रहेंगे। ट्रूडो पर लिबरल विधायकों द्वारा पद छोड़ने का भारी दबाव है, क्योंकि सर्वेक्षणों से पता चलता है कि पार्टी अगले चुनाव में हार जाएगी।
एक प्रेस कांफ्रेंस में कनाडा के प्रधानमंत्री कहा कि संसद मार्च तक निलंबित रहेगी। जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि उन्होंने अपनी लिबरल पार्टी के अध्यक्ष से नए नेता के चयन की प्रक्रिया शुरू करने को कहा है। इसका मतलब है कि ट्रूडो 20 जनवरी को तब भी प्रधानमंत्री बने रहेंगे जब अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पदभार ग्रहण करेंगे।
बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप ने कुछ ऐसे टैरिफ लगाने की धमकी दी है जो कनाडा की अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर देंगे। जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि कनाडा को एक ऐसी संसद की जरूरत है, जो काम करे। उनका कहना है कि अभी यह “पूरी तरह से” अवरोधों और उत्पादकता की कमी से ग्रसित है। उनका कहना है कि यह कनाडा में सबसे लंबे समय तक चलने वाली अल्पमत सरकार है।
जस्टिन ट्रूडो, जो फ़ूड इन्फ्लेशन और आवास की बढ़ती लागत सहित कई मुद्दों पर बेहद अलोकप्रिय हो गए हैं, ने हाल के हफ्तों में सार्वजनिक रूप से चुप्पी साध रखी है, जबकि 16 दिसंबर को उनके वित्त मंत्री के अचानक इस्तीफे के बाद उन पर पद छोड़ने का दबाव बढ़ रहा है।