संकटग्रस्त एडटेक दिग्गज बायजू के संस्थापक और सीईओ बायजू रवींद्रन ने जुलाई के वेतन में देरी के बाद उठ रही तरह तरह की बातों पर कर्मचारियों से कहा कि वो भगोड़े नहीं हैं, चल रही कानूनी चुनौतियों के बावजूद समस्या का शीघ्र समाधान किया जायेगा। कर्मचारियों को भेजे गए ईमेल में रवींद्रन ने बताया कि चल रहे दिवालियापन मामले पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा अस्थायी रोक ने कंपनी की फंड तक पहुँचने की क्षमता में बाधा उत्पन्न की है, जिसके परिणामस्वरूप भुगतान में देरी हुई है।
रवींद्रन बायुजू ने कहा कि वो समझते हैं कि यह कितना महत्वपूर्ण है, और वो स्थिति को स्पष्ट रूप से समझाना चाहते हैं । उन्होंने कहा कि यह केवल एक वादा नहीं है – यह एक प्रतिबद्धता है। आपके वेतन का भुगतान तुरंत किया जाएगा, भले ही इसके लिए और ज़्यादा व्यक्तिगत ऋण उठाना पड़े। कंपनी ने हाल ही में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के साथ विवाद के बाद दिवालियापन का सामना किया, जिसे सुलझा लिया गया। हालांकि, अमेरिका स्थित ऋणदाता ग्लास ट्रस्ट द्वारा सुप्रीम कोर्ट में आगे की मुकदमेबाजी ने निपटान को रोक दिया है, जिससे वर्तमान स्थिति पैदा हुई है।
रवींद्रन ने इस अवसर का उपयोग उन आरोपों का जोरदार खंडन करने के लिए किया कि वे कानूनी जिम्मेदारियों से बच रहे हैं। उन्होंने कहा, “मैं भगोड़ा नहीं हूं,” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उनकी यात्राएं व्यवसाय और पारिवारिक कारणों से हैं, उन्होंने कहा, मैं हमेशा अपने ठिकाने और गतिविधियों के बारे में पारदर्शी रहा हूं। कानूनी या वित्तीय दायित्वों से बचने का कभी कोई प्रयास नहीं किया गया।” मेल में बायजू पर पड़ने वाले वित्तीय दबाव का विस्तृत विवरण दिया गया है, जिसमें कहा गया है कि संस्थापकों ने परिचालन को बनाए रखने के लिए कंपनी में 7,500 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है, जिसमें बायजू के भाई रिजू रवींद्रन ने पिछले दो वर्षों में वेतन के लिए व्यक्तिगत रूप से 1,600 करोड़ रुपये का योगदान दिया है।