पटना: बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने सोमवार को वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 2.18 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया, जिसमें किसी नए कर का प्रस्ताव नहीं किया गया है. बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और ग्रामीण विकास पर खास जोर दिया गया है. बिहार विधानसभा में लंच के बाद वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 2,18,302.70 करोड रुपये का राज्य का बजट पेश करते हुए उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि यह बजट राज्य में खुशहाली लाएगा. उन्होंने कहा यह बजट मौजूदा वित्त वर्ष 2020-21 के बजट से 6541.21 करोड़ रुपये ज्यादा है और इसमें 2021-22 में रेवेन्यू सरप्लस 9195.90 करोड़ रुपये अनुमानित है.
तारकिशोर ने कहा कि 2021-22 के बजट में सबसे ज्यादा प्रावधान 38035.93 करोड़ रुपये शिक्षा क्षेत्र के लिए किया गया है. इसके बाद ग्रामीण विकास के लिए 16,835.67 करोड़ रुपये, सड़क के लिए 15,227.74 करोड़ रुपये, स्वास्थ्य के लिए 13,264.87 करोड़ रुपये और ऊर्जा क्षेत्र के लिए 8560.00 करोड़ का प्रावधान किया गया है. उन्होंने कहा कि इस बजट में सात निश्चय-2 के तहत सात लक्ष्य, युवा शक्ति, बिहार की प्रगति, सशक्त महिला- सक्षम महिला, हर खेत तक सिंचाई का पानी, स्वच्छ गांव-समृद्ध गांव, स्वच्छ शहर-विकसित शहर, सुलभ सम्पर्कता और सबके लिए अतिरिक्त स्वास्थ्य सुविधा के लिए 4671.00 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
बता दें कि अपने पिछले शासनकाल के दौरान नीतीश सरकार ने अपने पहले सात निश्चय कार्यक्रम यानी आर्थिक हल, युवाओं को बल, आरक्षित रोजगार, महिलाओं का अधिकार, हर घर बिजली, हर घर नल का जल, घर तक पक्की गली नालियां, शौचालय निर्माण-घर का सम्मान और अवसर बढ़ें, आगे पढ़ें को लागू किया था.