Illegal forex trading ED Raid: ईडी ने टीपी ग्लोबल एफएक्स पर रेड मारी है। जहां से भारी मात्रा में सोना और कारें बरामद हुई हैं। ईडी रेड ने मंगलवार को एक्स पर पोस्ट कर बताया कि अहमदाबाद में चलाए छापेमारी अभियान के दौरान मौके से आपत्तिजनक दस्तावेज, 1.36 करोड़ रुपए की नकदी, 1.2 किलोग्राम सोना (लगभग 71 लाख रुपये), दो लक्जरी गाडियां हुंडई अल्कज़ार और मर्सिडीज जीएलएस 350डी जब्त की गई हैं।
अवैध विदेशी मुद्रा व्यापार के मामले में छापेमारी
प्रवर्तन निदेशालय ईडी ने ने टीपी ग्लोबल एफएक्स के खिलाफ अवैध विदेशी मुद्रा व्यापार के मामले में अहमदाबाद में आज छापेमारी की है। ईडी को छापेमारी के दौरान करोड़ों रुपए की नकदी, लाखों का सोना और लक्जरी गाड़ियां बरामद हुई हैं। ईडी ने बताया कि इस मामले में अब तक एजेंसी ने 242.39 करोड़ रुपए की चल अचल संपत्ति जब्त या कुर्क की है।
ईडी ने आज मंगलवार को एक्स पर पोस्ट करते बताया कि अहमदाबाद में चले छापेमारी अभियान के दौरान विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज, करोड़ों रुपए की नकदी, 1.2 किलोग्राम सोना बरामद किया गया। इसी के साथ टीपी ग्लोबल एफएक्स के बैंक खाते में 14.72 लाख रुपए फ्रीज किए हैं।
TP ग्लोबल FX न तो RBI में पंजीकृत न विदेशी मुद्रा व्यापार के लिए प्राधिकरण
ईडी ने बताया कि छापेमार कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के तहत की गई है। बता दें कि ईडी ने मेसर्स टीएम ट्रेडर्स और मेसर्स केके ट्रेडर्स के खिलाफ कोलकाता पुलिस द्वारा आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज एफआईआर के आधार पर मामले की जांच की थी।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने पहले बताया था कि टीपी ग्लोबल एफएक्स न तो आरबीआई में पंजीकृत है और न इसके पास विदेशी मुद्रा व्यापार के लिए आरबीआई से कोई प्राधिकरण है। आरबीआई ने बीते साल 2022 में सात सितंबर को टीपी ग्लोबल एफएक्स के नाम सहित एक अलर्ट सूची जारी की थी। इसमें आरबीआई ने आम लोगों से अनधिकृत ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के प्रति सावधान करने के लिए कहा था।
विदेशी मुद्रा व्यापार में निवेश के नाम पर लोगों से घोटाला
ईडी ने जांच के दौरान पाया कि दास, पांडे, पटेल और कुछ अन्य लोगों ने टीपी ग्लोबल एफएक्स वेबसाइट के जरिये विदेशी मुद्रा व्यापार में निवेश के नाम पर लोगों से भारी वित्तीय घोटाला किया है। इन लोगों ने इसके लिए अपने नियंत्रण वाली विभिन्न मुखौटा कंपनियों,फर्मों,संस्थाओं का उपयोग किया।
ये लोग जनता से पैसा लेकर उसको अपनी ही मुखौटा कंपनियों में निवेश कर रहे थे। इन कंपनियों के नाम के साथ निदेशक भी फर्जी लोग थे। निवेशकों को इस बात की कोई जानकारी नहीं दी जाती थी कि उनकी कमाई कहां निवेश की जा रही है। आरोपी जनता के निवेश किए रुपयों से से चल अचल संपत्ति खरीदते थे। ईडी ने दास और पटेल को इस मामले में गिरफ्तार किया है। दोनों फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।