इंग्लैंड के खिलाफ हैदराबाद टेस्ट मैच के दूसरे टेस्ट में भारत बहुत मज़बूत पोजीशन में पहुँच चूका है, उसके पास 171 रनों की लीड है और उसके हाथ में सभी 10 विकेट हैं. यशस्वी के डबल सैकड़े के बाद बारी अब बुमराह की थी जिन्होंने कुलदीप यादव के साथ मिलकर इंग्लैंड की पहली पारी को 253 रनों पर उखाड़ फेंका। बुमराह ने अकेले 6 विकेट हासिल किये, वहीँ कुलदीप ने उनका पूरा साथ दिया और तीन विकेट निकालने में कामयाबी हासिल की।
बुमराह ने अपनी शानदार गेंदबाज़ी से इंग्लैंड के टॉप मिडिल आर्डर की कमर तोड़ दी. बुमराह ने ओली पॉप, जो रुट और जॉनी बेयरस्टो और कप्तान बेन स्टोक्स को आउट करके इंग्लैंड को बड़ा स्कोर बनाने से रोक दिया। टीम के लिए ओली पॉप की तरह खतरनाक हो रहे जैक क्रौली को 76 के व्यक्तिगत स्कोर पर आउट करने का सेहरा अक्षर पटेल के सर सजा. वहीँ कुलदीप ने बेन डकेत को आउट कर इंग्लैंड के विकटों के गिरने का सिलसिला शुरू किया था. बाद में निचले क्रम को बुमराह और कुलदीप ने मिलकर उड़ा दिया. अश्विन और मुकेश कुमार विकटों के मामले में खाली हाथ रहे.
इंग्लैंड के लिए जैक क्रौली और बेन डकेत ने अच्छी शुरुआत की और 59 रनों की पार्टनरशिप कर डाली। इंग्लैंड का पहला विकेट डकेत के रूप में गिरा, डकेत ने 21 रन बनाये। ओली पॉप इस बार भी अच्छी लय में नज़र आ रहे थे लेकिन जब उनकी नज़रें जमी तब 23 रन बनाकर वो बुमराह का पहला शिकार बने. बुमराह ने जल्द ही जो रुट को भी चलता किया। रुट सिर्फ 5 रन ही बना सके. अगले आउट होने वाले बल्लेबाज़ बेयरस्टो थे, वो भी बुमराह की गेंद पर 25 रन बनाकर पवेलियन लौट गए. 172 के स्कोर पर कप्तान स्टोक्स 47 रन बनाकर बुमराह का चौथा शिकार बने. बेन फॉक्स और रेहान अहमद को कुलदीप ने चलता किया, दोनों ने 6-6 का स्कोर किया। पिछले मैच की तरह इसबार भी टॉम हार्टले ने संघर्ष दिया और बुमराह का पांचवां शिकार बनने से पहले 21 महत्वपूर्ण रनों का योगदान दिया। बुमराह ने अपना छठा विकेट एंडरसन को आउट हासिल किया। इस तरह इंग्लैंड की पूरी पारी 253 रनों पर सिमट गयी और भारत को 144 रनों की बढ़त हासिल हुई.
भारत ने दूसरी पारी में दिन का खेल ख़त्म होने तक बिना कोई विकेट खोये 28 रन बना लिए थे. आज अपना दोहरा शतक जड़ने वाले यशस्वी जायसवाल 15 और कप्तान रोहित शर्मा 13 रनों पर नाबाद रहे. फिलहाल पहली पारी समाप्त होने के बाद भारतीय टीम का पहले टेस्ट की तरह पलड़ा भारी है लेकिन पहले मैच में किसने सोचा था कि भारत हार भी सकता है.