केरल में भाजपा उम्मीदवार सुरेश गोपी ने 3,96,881 वोट हासिल कर अपनी जगह पक्की कर ली है। इस जीत के साथ ही भाजपा ने केरल से लोकसभा में अपना खाता खोल लिया है। इससे पहले भाजपा ने यहां कभी कोई सीट नहीं जीती थी। सुरेश गोपी ने 2021 के विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव में त्रिशूर में कड़ी टक्कर दी थी और भाजपा के वोट शेयर में क्रमशः 11.8 प्रतिशत और 17 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि की थी, हालांकि तब वह तीसरे स्थान पर ही रह पाए थे।
इस बार अभिनेता से नेता बने सुरेश गोपी को भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व से मजबूत समर्थन मिला, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने त्रिशूर में रोड शो किया और यहां तक कि चुनाव से ठीक पहले गुरुवायुर श्री कृष्ण मंदिर में गोपी की बेटी की शादी समारोह में भी शामिल हुए। पूर्व राज्यसभा सांसद गोपी पिछले कुछ सालों से निर्वाचन क्षेत्र में काफी सक्रिय हैं। ईसाई वोट बैंक को लुभाने के लिए उन्होंने निर्वाचन क्षेत्र के एक लोकप्रिय चर्च को सोने का मुकुट भेंट करने की पेशकश भी की।
भले ही कांग्रेस ने त्रिशूर में पूर्व मुख्यमंत्री के करुणाकरण के बेटे के मुरलीधरन को मैदान में उतारने का फैसला किया है, लेकिन वह सीपीआई के वीएस सुनीलकुमार के बाद तीसरे स्थान पर हैं। करुणाकरण की बेटी के भाजपा में शामिल होने के बाद कांग्रेस ने मुरलीधरन को मैदान में उतारने का फैसला किया ताकि भाजपा द्वारा कांग्रेस के वोटों को हड़पने के किसी भी प्रयास का मुकाबला किया जा सके। हालांकि भाजपा ने 2016 में केरल विधानसभा में अपनी पहली सीट जीती थी जब पार्टी के दिग्गज ओ राजगोपाल ने तिरुवनंतपुरम में नेमोम सीट जीती थी, लेकिन पार्टी 2021 में यह सीट हार गई।