महाराष्ट्र में कौन बनेगा मुख्यमंत्री की चर्चाओं के बीच शिवसेना ने दावा किया है कि महायुति में सीट बंटवारे के दौरान शिवसेना को सीएम पद की गारंटी दी गयी थी। चुनाव से पहले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से कहा गया था कि भले ही महायुति के किसी भी दल को ज़्यादा सीटें मिलें लेकिन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ही रहेंगे। शिवसेना की तरफ से यह भी साफ कर दिया कि पार्टी मुखिया एकनाथ शिंदे उपमुख्यमंत्री का पद कभी नहीं स्वीकार करेंगे।
एकनाथ शिंदे गुट का कहना है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति की शानदार जीत सिर्फ एकनाथ शिंदे की वजह से हुई है। शिवसेना नेता संजय शिरसाट ने कहा कि विधानसभा चुनाव एकनाथ शिंदे के नाम पर लड़ा गया था। वह मुख्यमंत्री के तौर पर वापसी के हकदार हैं। शिवसेना के शीर्ष सूत्रों ने दावा किया कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले यह तय हुआ था कि अगर महायुति को बहुमत मिलता है और उसे दोबारा सरकार बनाने का मौका मिलता है तो शिवसेना को मुख्यमंत्री का पद दिया जाएगा। महायुति में कौन कितनी सीटें जीतता है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। अगर नतीजों में महायुति को बहुमत मिलता है, तो शिंदे ही मुख्यमंत्री बने रहेंगे।
विधानसभा चुनाव में भाजपा-शिवसेना-एनसीपी गठबंधन ने शानदार जीत हासिल की है। महायुति में भाजपा के सबसे ज्यादा 132 उम्मीदवार चुनाव जीते हैं। शिवसेना ने 57 और एनसीपी ने 41 सीटें जीती हैं। जेएसएस ने 2 और आरएसजेपी ने एक सीट जीती है। भाजपा ने इस बार चुनाव में 149 उम्मीदवार उतारे थे। जबकि शिवसेना ने 81 और एनसीपी ने 59 उम्मीदवारों को टिकट दिया था। 2019 के चुनाव में भाजपा ने 152 उम्मीदवार उतारे थे। शिवसेना नेता संजय शिरसाट ने कहा, अगर भाजपा हमारी मांग पूरी करती है तो इससे लोगों में अच्छा संदेश जाएगा। अगर शिंदे मुख्यमंत्री बनते हैं, तो भविष्य के चुनाव हमारे लिए फायदेमंद साबित होंगे।