अमित बिश्नोई
बुज़ुर्गो ने फ़रमाया है कि बेटा, बाप बनने की कभी कोशिश मत करना वरना बहुत पछताना पड़ता है क्योंकि बाप बाप ही होता है. बुज़ुर्ग ये भी कह गए हैं कि बेटा निवाला भले ही बड़ा खा लो लेकिन बड़े बोल कभी नहीं बोलना वरना उसका खामियाज़ा खुद को ही भुगतना पड़ता है. आप सोच रहे होंगे कि मैं ये बातें किस सन्दर्भ में कर रहा हूँ. तो क्रिकेट के इस मौसम में बात क्रिकेट की और उपरोक्त सन्दर्भ भी उसी से है. बात 11 सितम्बर को सम्पन्न हुए भारत और पाकिस्तान के बीच मैच की हो रही है जिसमें पाकिस्तान को भारत के हाथों 228 रनों से एक ज़िल्लतभरी हार का सामना करना पड़ा. आप कहेंगे कि खेल है, हार जीत तो होती ही रहती है, कभी करीबी हार होती और कभी फासले वाली। तो जनाब ये सिर्फ हार नहीं है, एक नासूर है जो भारत ने पाकिस्तान को दिया है और आप जानते है कि नासूर कभी ख़त्म नहीं होता, जीवन भर रहता है और ये हार बिलकुल उसी नासूर की तरह ही है।
दरअसल ये मैच भी इंडिया-पाक के दूसरे मैचों की तरह ही एक रोमांचक मैच था जिसका फैंस हमेशा इंतज़ार करते हैं लेकिन जो बात मैंने ऊपर कही उसकी पटकथा 2 सितम्बर के भारत पाक मैच से लिखी गयी थी. हालाँकि वो मैच बारिश की वजह से पूरा नहीं हो सका था लेकिन पाकिस्तान के तेज़ गेंदबाज़ों ने भारत के टॉप आर्डर को तहस नहस कर दिया था. ये बात अलग है कि बाद में हार्दिक और ईशान ने पलटवार करते हुए भारत को एक सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचा दिया था. बारिश के कारण पाकिस्तान की पारी नहीं खेली जा सकी लेकिन पाकिस्तानी खेमे (खिलाडी नहीं) ने जिस तरह से टीम इंडिया के धुरंधर बल्लेबाज़ों की नाकामी पर सवाल उठाना शुरू किये और जिस तरह अपने तेज़ गेंदबाज़ों की शान में कसीदे पढ़ना शुरू किये, ऐसा लग रहा था जैसे दुनिया में सिर्फ पाकिस्तान के पास ही तेज़ गेंदबाज़ी है और भारतीय बल्लेबाज़ों के दिन लद गए हैं। विशेषकर शाहीन आफरीदी और रोहित-विराट को लेकर तो ऐसा माहौल पैदा किया गया जैसे क्रिकेट ये दो महानतम बल्लेबाज़ शाहीन से खौफ खाने लगे हैं।
इस तरह की बेसिरपैर की बातें करने में पाकिस्तानी टीवी मीडिया, यू ट्यूबर्स के साथ ही पूर्व क्रिकेटर और पीसीबी अधिकारी भी आगे आगे नज़र आये. अब जब माहौल ऐसा बनाया गया तो भारत की तरफ से जवाब तो मिलना ही था। बड़बोलेपन का अंजाम तो सामने आना ही था और वो अंजाम भारत के हाथों पाकिस्तान की सबसे शर्मनाक हार की शक्ल में सामने आया. पाकिस्तानियों ने ख्वाब में नहीं सोचा होगा कि टीम इंडिया उनका ऐसा हश्र करने वाली है. इंद्रदेवता ने भी इसमें अहम् भूमिका निभायी और मैच को पूरा होने दिया वरना कोलंबो में मौसम का जो हाल था उसे देखते हुए हर कोई निराश था कि मैच होगा या नहीं। उनकी कृपा रही, थोड़ा व्यवधान भी रहा लेकिन ये व्यवधान भी भारत के पक्ष में ही रहा. भारत को पूरे पचास ओवर मिल गए और उसने 356 का विशाल स्कोर जड़ दिया वो भी सिर्फ दो विकेट खोकर विराट और राहुल की सेन्चुरियों के साथ।
इसके बाद पहले बुमराह और फिर कुलदीप ने जो गेंदबाज़ी की उसपर पाकिस्तानी बल्लेबाज़ सिर्फ नाचते ही रहे और 128 रनों पर ही सरेंडर कर दिया। भारत ने सिर्फ मैच ही नहीं जीता बल्कि पाकिस्तान का सारा गुणा भाग उलट पुलट कर दिया। सिर्फ एशिया कप ही नहीं उनके ऊपर तो विश्व कप को लेकर भी चिंता खड़ी हो गयी है. उनके दो मुख्य तेज़ गेंदबाज़ नसीम शाह और हारिस रउफ अब शायद ही एशिया कप के बाकी मैचों में नहीं खेल सकें क्योंकि दोनों ही ज़ख़्मी हो चुके हैं और मैच में बल्लेबाज़ी करने भी नहीं आये. इस विशाल हार से एशिया कप में उनका सारा गणित बिगड़ गया है, उनके पास अंक भले ही दो हैं लेकिन नेट रन रेट में वो इतना पीछे हो गए हैं कि उनका ऊपर आना बहुत मुश्किल हो गया है, उनका अंतिम मैच श्रीलंका से है जिसे जीतना उनके लिए बेहद ज़रूरी है इसके साथ ही वो आज भारत-श्रीलंका मैच में श्रीलंका की हार या भारत की जीत की कामना करेंगे, इसके बगैर उनका फाइनल का सफर नामुमकिन है. तो सिर्फ एक हार ने पाकिस्तान का ऐसा खेल बिगाड़ा जिसे फिर संवारना पाकिस्तान के लिए बड़ा मुश्किल काम है. ऐसे में पाकिस्तान की इस हार को अगर कोई नाम देना चाहूँ तो क्या नाम दूँ? आप बताइये …..