इंग्लैंड के तेज़ गेंदबाज़ जेम्स एंडरसन उन गेंदबाज़ों में से हैं जिनके लिए उम्र मायने नहीं रखती, जज़्बा मायने रखता है और इसी जज़्बे का कमाल है कि उन्होंने 41 बरस की उम्र में 700वां टेस्ट विकेट हासिल किया। आज उन्होंने कुलदीप यादव को आउट कर ये कारनामा अंजाम दिया। कुलदीप कोई बल्लेबाज़ नहीं, उनको आउट करना भी कोई बड़ी बात नहीं लेकिन एंडरसन के लिए कुलदीप का विकेट हमेशा ख़ास रहेगा क्योंकि इस मुकाम तक पहुँचने वाले वो इकलौते तेज़ गेंदबाज़ हैं। अपने 700 टेस्ट विकेट हासिल कर वो अब विकटों के मामले में तीसरे नंबर पर पहुँच गए हैं, उनसे आगे अब सिर्फ मुथैया मुरलीधरन (800) और शेन वार्न (708) हैं।
एंडरसन जब भारत आये थे तो उनकी झोली में 690 विकेट थे, उम्मीद जताई जा रही थी कि वो 700 विकटों का कीर्तिमान भारत की धरती पर बना लेंगे और उन्होंने ऐसा कर दिखाया। हालाँकि वो दौरे में कोई ख़ास कामयाबी नहीं हासिल कर सके यही वजह है ये दस विकेट हासिल करने के लिए उन्हें श्रंखला के आखरी मैच तक इंतज़ार करना पड़ा. भारत की जगह अगर ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैण्ड या साउथ अफ्रीका के खिलाफ ये श्रंख्ला होती तो एंडरसन यकीनन शेन वार्न का रिकॉर्ड भी तोड़ चुके होते. एंडरसन ने अपना डेब्यू 20023 में ज़िम्बाबवे के खिलाफ किया था, तब से लेकर अबतक वो 187 टेस्ट मैच खेल चुके हैं, टेस्ट इतिहास में सिर्फ तेंदुलकर ही ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने एंडरसन से ज़्यादा मैच खेले हैं, सचिन ने टेस्ट मैचों की डबल सेंचुरी पूरी की है, उनके नाम 200 टेस्ट मैच हैं.
एंडरसन का टेस्ट करियर 20 साल से ज़्यादा हो गया है, दो दशक तक किसी भी तेज़ गेंदबाज़ के लिए गेंदबाज़ी करना आसान काम नहीं। एक तेज़ गेंदबाज़ के रूप में इतना लम्बा कैरियर दर्शाता है कि वो अपनी फिटनेस पर कितना ध्यान रखते हैं. इंग्लैंड की टीम भी उनके वर्क लोड पर काफी ध्यान देती है यही वजह है कि एंडरसन टेस्ट क्रिकेट में लगातार टीम की सेवा करते रहें उन्हें सफ़ेद बॉल की क्रिकेट से हटा दिया, हालांकि एंडरसन ने 190 से ज़्यादा ODI खेले हैं।