लोकसभा के चुनाव में अभी भले ही थोड़ा समय है लेकिन उत्तर प्रदेश में इसकी ज़बरदस्त सरगर्मियां हैं. तोड़फोड़ की ख़बरें ज़ोरदार ढंग से गश्त कर रही हैं। भाजपा की पूरी कोशिश है कि इंडिया गठबंधन को बिहार की तरह उत्तर प्रदेश में भी बिखेर कर रख दिया जाय. पिछले दो दिनों से टीवी मीडिया में यही बहस चल रही है कि इंडिया गठबंधन की सहयोगी रालोद ने अब भाजपा के साथ जाना पसंद किया है. खबर तो ये भी थी कि जयंत चौधरी 8 फरवरी को बाकायदा प्रेस कांफ्रेंस कर इसका एलान कर देंगे, हालाँकि अभी तक ऐसा कुछ नहीं हुआ है, इस बीच सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने साफ़ किया है कि इंडिया गठबंधन में अभी सीटों का बंटवारा नहीं हुआ है लेकिन ये भी स्पष्ट किया यूपी में इंडिया गठबंधन की ही जीत होगी।
अखिलेश आज बनारस में थे जहाँ पत्रकारों के इस सवाल कि सपा ने कांग्रेस को 11 सीटें दी हैं जबकि कांग्रेस 20 सीटें मांग रही है, सपा मुखिया ने स्पष्ट किया चुनावी मैदान में उसे ही आना चाहिए और उसे ही मौका मिलना चाहिए जो चुनाव जीत सके. अखिलेश के कहने का मतलब था कि कांग्रेस को ज़्यादा सीटें देने से कोई फायदा नहीं क्योंकि उम्मीदवार ज़्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने से बेहतर है कि जीतने वाला उम्मीदवार होना चाहिए, भले ही वो गठबंधन में शामिल किसी भी दल का हो.
बनारस में प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ गठबंधन के किस दल का उम्मीदवार उतरेगा, इस सवाल के जवाब में अखिलेश ने कहा कि सपा ने पिछली बार भी बनारस से उम्मीदवार उतारा था और इस बार भी सबसे बातचीत करके उम्मीदवार तय किया जायेगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विधानसभा में कौरव पांडव वाले बयान पर अखिलेश ने कहा कि उन्हें ऐसा नहीं कहना चाहिए। अखिलेश ने कहा कि कौरवों की संख्या ज्यादा थी और भाजपा खुद को सबसे बड़ी पार्टी कहती है। जयंत चौधरी के भाजपा के साथ जाने की बात पर सपा मुखिया ने कहा कि उनसे बातचीत हो जाएगी।