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दिल का दौरा अब नहीं देख रहा उम्र, बच्चों में बढ़ा खतरा, जा रही जान

मेरठ रीजनदिल का दौरा अब नहीं देख रहा उम्र, बच्चों में बढ़ा खतरा,...

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देश में कई चौंकाने वाले मामले आए सामने, बीते 10 वर्षों में दो गुना बढ़े हार्ट अटैक के मामले

मेरठ ब्यूरो

हार्ट अटैक आने की अब कोई उम्र नहीं रह गई है। हाल ही में कर्नाटक के चिक्कमगलुरु जिले के मुदिगेरे तालुक के गांव जोगन्नाकेरे में 12 वर्ष की बच्ची की हार्टअटैक से मौत होने का मामला सामने आया । स्थानीय लोगों का दावा था कि सातवीं कक्षा में पढ़ने वाली श्रुष्टि सुबह स्कूल जा रही थी और अचानक गिर पड़ी। अस्पताल जाने पर चिकित्सक ने बताया कि उसे हार्ट अटैक आया था और रास्ते में ही उसकी मौत हो गई । 12 वर्ष की कम उम्र में दिल के दौरे का ये पहला मामला नहीं है। इसी वर्ष गुजरात में भी इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं। इन मामलों को देखकर चिकित्सक भी हैरान है।

देश में अचानक बढ़ी मौतें

दिल के दौरे से होने वाली मौतों का आंकड़ा देश में अचानक बढ़ गया है। हाल ही में एनसीआरबी द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक बीते 10 साल में हार्ट अटैक से होने वाली मौतों में दो गुना वृद्धि दर्ज की गई । आंकड़ों के मुताबिक 2012 में हार्ट अटैक से 28,961 मौतें दर्ज की गई। वहीं 2022 में ये आंकड़ा 56,653 पर पहुंच गया । 2021 से 2022 तक 6 हजार से अधिक मौतें दिल के दौरे के चलते दर्ज की गई। आंकड़े काफी डराने वाले हैं।

30 वर्ष के कम उम्र के युवाओं में बढ़ा खतरा

रिपोर्ट के मुताबिक 2021 से 2022 तक हार्ट अटैक से होने वाली मौतों में 30 वर्ष से कम उम्र के युवाओं की संख्या सबसे अधिक है। वर्ष 2021 में यह आंकड़ा 2730 मौतों का था। वहीं 2022 में 3329 मौतें दर्ज की गई। इस रिपोर्ट के मुताबिक इस एक साल में तकरीबन 6000 युवाओं की जान हार्ट अटैक के कारण गई। इससे अधिक उम्र वाले लोगों में एक साल में तकरीबन 4 हजार मौतें बढ़ीं। 2021में 5719 मौतें दिल के दौरे के चलते दर्ज की गई । वहीं 2022 में कुल 29081 मौतें दर्ज की गई।

महिलाओं में बढ़ा खतरा

पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में हार्ट अटैक का खतरा बढ़ गया है। एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2012 में 4349 महिलाओं में हार्ट अटैक के चलते होने वाली मौतों को दर्ज किया गया था। 2022 में ये आंकड़ा 9243 पर पहुंच गया। 10 सालों में महिलाओं में 2 गुना तक खतरा बड़ा है 2019 से 2020 में सर्वाधिक मोटे दर्ज की गई थी रिपोर्ट के मुताबिक 2019 में कुल 8064 मौतें दर्ज की गई। जबकि 2020 में ये आंकड़ा बढ़कर 9149 पर पहुंच गया था।

ये हैं हार्ट अटैक के मुख्य कारण

देश में अचानक हार्ट अटैक से होने वाली मौतें को देखकर चिकित्सक भी हैरान हैं। हालांकि इसके पीछे क्या कारण है इसको लेकर अभी भी कोई स्पष्टता नहीं हैं।

1) चिकित्सकों का मानना है कि छोटे बच्चों में हार्ट अटैक की वजह किसी तरह का एक्सर्शन हो सकता है। हालांकि वजह साफ नहीं है। एक्सपर्ट्समानते हैं कि दिल एक बड़ी वजह अनुवांशिकता है। परिवार में यदि हार्ट अटैक की हिस्ट्री है तो बहुत संभव है कि आने वाली पीढ़ी में भी यह समस्या हो सकती है।

2) विशेषज्ञों की राय है कि इन दिनों जंक फूड और अनहेल्दी खानपान का चलन काफी बढ़ा हैं। इनमें मिलने वाले तमाम केमिकल शरीर को भीतर से खोखला कर रहे हैं। यह भी वजह है कि अब कम उम्र के बच्चों में भी ये समस्या मिल रही है।

3) फिजिकल एक्सॉर्शन भी बड़ी वजह है। अचानक अधिक व्यायाम या डांस करना या शुरुआत में ही अधिक कार्य करने से ह्रदय पर अधिक भार पड़ने लगता है और इससे अटैक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।

4) नसों में ब्लॉकेज या हृदय के खराब वॉल्व से अधिक कार्य करने से भी हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। किसी तरह का अवसाद या मानसिक परेशानी भी हृदय को कमजोर करती है।

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