मेरठ लोकसभा सीट से जबसे भाजपा ने टीवी वाले राम जी यानि अरुण गोविल को मैदान में उतारने की घोषणा की है, समाजवादी पार्टी की समझ में नहीं आ रहा है कि उनसे मुकाबला करने के लिए किसे मैदान में उतारा जाय और यही वजह है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश की इस सबसे प्रतिष्ठित सीट से सपा द्वारा अपने उम्मीदवारों को बदलने का सिलसिला जारी है यहाँ तक नामांकन के अंतिम दिन तक ये कवायद जारी है. फाइनली सपा ने मेरठ से अब योगेश वर्मा की पत्नी सुनीता वर्मा को टिकट दे दिया है.
समाजवादी पार्टी ने मेरठ से सबसे पहले उम्मीदवार की घोषणा कर दी थी और अधिवक्ता भानुप्रताप को उम्मीदवार बनाया था. भाजपा ने इसके बाद टीवी वाले राम अरुण गोविल को उम्मीदवार घोषित कर भानुप्रताप की उम्मीदवारी को बौना कर दिया। अरुण गोविल की उम्मीदवारी के बाद सपा के अंदर ही भानुप्रताप का विरोध होने लगा, कहा जाने अलग कि एक तो ये बाहरी हैं और दुसरे अरुण गोविल के मुकाबले काफी कमज़ोर। ऐसे में सपा ने सरधना विधायक अतुल प्रधान की उम्मीदवारी घोषित कर दी. अतुल प्रधान ने कल अपना नामांकन भी दाखिल कर दिया था लेकिन रात में एक बार फिर उम्मीदवारी में बदलाव हुआ और सुनीता वर्मा को प्रत्याशी घोषित कर दिया गया.
ये सबकुछ बड़ी तेज़ी से हुआ, रात में योगेश वर्मा को बुलाकर बताया गया कि मेरठ से उनकी पत्नी उम्मीदवार होंगी। उधर अतुल प्रधान को हटाने से पहले कहा गया कि अखिलेश ने उनसे बात की और फिर ये निर्णय लिया। अखिलेश यादव ने अतुल प्रधान से ये भी कहा कि वो सुनीता वर्मा की चुनाव में मदद करेंगे। दरअसल योगेश वर्मा और अतुल प्रधान में राजनीतिक प्रतिद्वंदिता है और इसी प्रतिद्वंदिता की वजह से ही पहले एक न्यूट्रल उम्मीदवार भानुप्रताप को टिकट दिया गया था लेकिन अरुण गोविल का नाम आने के बाद सपा में घमासान मचा और ताबड़तोड़ उम्मीदवार बदले जाने लगे. वैसे ये कोई पहला मामला नहीं हैं, इससे पहले गौतमबुद्धनगर सीट के लिए तीन बार उम्मीदवार बदले जा चुके हैं. बता दें कि मेरठ में चुनाव दूसरे चरण यानि 26 अप्रैल को होने हैं और नामांकन दाखिल करने का आज अंतिम दिन है।