अबकी बार 400 पार के नारे के साथ शुरुआत करने वाली भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी दूसरे चरण के मतदान तक आते आते मंगलसूत्र की बात करने लगे हैं, कह रहे हैं की कांग्रेस पार्टी सत्ता में आयी तो आपसे मंगलसूत्र छीन लेगी। प्रधानमंत्री की इस बात पर अब सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पलटवार करते हुए कहा कि भला प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी का मंगलसूत्र से क्या सम्बन्ध? इन लोगों का मंगलसूत्र से क्या लेना हैं? ये बयान अखिलेश ने आज कन्नौज में नामांकन दाखिल करने के बाद दिया है.
एक दिन पहले भी अखिलेश यादव ने मंगलसूत्र को लेकर कहा था कि शादीशुदा लोग मंगलसूत्र का महत्व समझते है, बीजेपी के लोग युवाओं को नौकरी दे दें, ताकि उनकी भी शादी हो जाए. जिन लोगों की शादी नहीं हो रही उनके सामने आप मंगलसूत्र की बात कर रहे हैं. बता दें कि बांसवाड़ा में चुनावी रैली में पीएम मोदी ने कहा था कि अगर कांग्रेस की सरकार आई तो वो लोगों की संपत्तियां छीनकर मुसलमानों को बांट देगी. मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के एक पुराने बयान को बीच से काटकर उसका उल्लेख करते हुए कहा था कांग्रेस की सरकार ने पहले भी कहा था कि देश की संपत्ति पर पहला हक मुसलमानों का है. तो इसका मतलब ये हुआ कि ये हिन्दुओं की संपत्ति इकट्ठा करते ज्यादा बच्चे पैदा करने वालों को बांटेंगे.
प्रधानमंत्री के इस बयान के बाद देश में एक बहस छिड़ गयी है कि जो बात कांग्रेस के मेनिफेस्टो में लिखी नहीं है उसका ज़िक्र प्रधानमंत्री मोदी अपनी चुनावी सभाओं में क्यों कर रहे हैं. कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में भागीदारी न्याय की बात की है, जातिगत जनगणना की बात की, आर्थिक सर्वे कराने की बात की है ताकि ये पता लगाया जा सके देश के धन और संसाधनों पर किसका कब्ज़ा है. प्रधानमंत्री ने इस बात का अपने ही स्टाइल में मतलब निकाला और कहने लगे कि कांग्रेस पार्टी लोगों की संपत्ति छीनकर मुसलमानों में बाँट देगी यहाँ तक कि महिलाओं का मंगल सूत्र भी छीन लेगी।