अमित बिश्नोई
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सोमवार को वित्तीय वर्ष 2024-25 का बजट को पेश किया. वित्तमंत्री सुरेश खन्ना ने सदन में पेश इस बजट को ऐतिहासिक बताया. ये कोई नई बात नहीं है, भाजपा अब जो भी करती है वो ऐतिहासिक ही होता है. हर बार की तरह इस बार भी दावा सबसे बड़े बजट का रहा. बजट भाषण में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना और उसके बाद प्रेस वार्ता में मुख्यमंत्री योगी ने बताया कि इस बजट में 24 हजार करोड़ रुपए की नई योजनाएं लाई गई हैं. ये नई योजनाएं कौन सी होंगी आगे पता चलेगा। बजट को देखा जाय तो महिलाओं,पिछड़ों और वृद्धों का विशेष ख्याल रखा गया है और साथ ही शिक्षा के लिए सरकार ने इसबार कुछ बड़ा सोचा है. एक नज़र में अगर कहें तो इस बजट के जरिए किसानों और महिलाओं के साथ-साथ अपने मूल हिंदुत्व के एजेंडे और शहरी वोटबैंक को साधने की कवायद है. ताकि आगामी लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश से भाजपा को भारी संख्या में सांसद मिलें। सीएम योगी ने वैसे भी मिशन 24 के तहत उत्तर प्रदेश की सभी 80 सीटों को जीत का लक्ष्य तय किया है.
लोकसभा चुनाव को देखते हुए बजट में धर्मार्थ कार्य और संस्कृति के लिए करोड़ों रुपए के प्रस्ताव हैं जिसके चलते अयोध्या काशी और मथुरा के विकास को लेकर बड़ी धनराशि खर्च करने की बात कही गयी है. बजट में रामनगरी अयोध्या को 240 करोड़ रुपए की सौगात दी गयी है. अयोध्या अब सिर्फ धार्मिक नगरी नहीं है, पर्यटन की नगरी बन गयी है, दूसरे शब्दों में सरकारी खज़ाना भरने वाली नगरी बन गयी है. अयोध्या के विकास के लिए 100 करोड़ रूपये का प्रावधान है, एयरपोर्ट पर ट्रैफिक बढ़ने वाला है इसलिए जल्द से जल्द उसका विस्तार भी होने है ताकी मालदार यात्रियों को बिना रूकावट अयोध्या आने में परेशानी न हो, इसलिए एयरपोर्ट के विकास के लिए अलग से 150 करोड़ रूपये का प्रावधान रखा गया है. अगले साल महाकुंभ मेला भी होने वाला है. मेले में विश्व स्तरीय सुविधाओं की व्यवस्था हो इसके लिए 2500 करोड़ रुपए की व्यवस्था अलग से बजट में प्रस्तावित है. इसके अलावा अयोध्या के लिए अलग से 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गयी जिसमें अन्तर्राष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान शामिल हैं.
दावा जब प्रदेश के सबसे बजट का है तो वन ट्रिलियन इकॉनमी की चर्चा न हो ऐसा तो हो नहीं सकता। मुख्यमंत्री योगी ने इस बजट को भी उसी से जोड़ दिया है और दावा किया है कि ये बजट प्रदेश की अर्थव्यवस्था को वन ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने में मील का पत्थर साबित होगा। बजट के बारे में पत्रकारों से वार्ता करते हुए मुख्यमंत्री योगी ने दावा किया कि इस बजट के जरिए हर सेक्टर में रोजगार उपलब्ध होंगे. इस बजट के जरिए योगी सरकार ने रोजगार को सियासी हथियार बनाने की रणनीति अपनाई है. जिसपर अखिलेश ने काउंटर किया और कहा सिर्फ रोज़गार के मौकों की बात कही गयी है नौकरियों का कोई ज़िक्र नहीं है. इस बजट पर आज झारखण्ड के रांची में राहुल गाँधी की कही गयी बात बहुत सटीक बैठती है कि भाजपा पिछड़ों, दलितों और आदिवासियों को बंधुवा मज़दूर बनाना चाहती है. लगभग वैसी ही प्रतिक्रिया अखिलेश यादव की भी रही जिन्होंने कहा बजट से बड़ी निराशा हुई क्योंकि इसमें PDA के लिए कुछ भी नहीं है. अखिलेश इससे भी आगे चले गए और अपरोक्ष रूप से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को झूठा करार दिया और कहा कि झूठा इंसान अपने अलावा किसी को धोखा नहीं देता है.
बजट से तो यही लगता है भाजपा चुनावी साल में राम के नाम पर बेड़ा पार लगाना चाहती है। योगी के इस चुनावी बजट पर कांग्रेस ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है और बजट को शब्दों और जुमलों की बाजीगरी बताया है जो प्रदेश के युवाओं को भ्रमित, पिछड़ों और दलितों से साथ छलावा, महिलाओं को निराश एवं किसानों को हताश करता है. इस बजट का सार यही है कि नौकरियों की जगह रोज़गार की बातें की जांय ताकि प्रदेश का युवा वोटर और फर्स्ट टाइम वोटर अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन के बाद बने माहौल से न निकल सके और रोज़गार को ही नौकरी समझने का भ्रम पाले रखे. फिलहाल बजट के बारे में लोग क्या सोचते हैं वही जानें, सीएम योगी की नज़रें तो 80 लोकसभा सीटों पर हैं। देखना होगा कि मिशन 80 में ये बजट उनकी कितनी मदद करेगा।