लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने मंत्रिमंडल के सभी मंत्रियों को अपनी संपत्ति की घोषणा तीन महीने में करने के आदेश दिए हैं। लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इस घोषणा को मंत्रियों ने हल्के में लिया है। इससे पहले भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंत्रियों से अपनी संपत्ति की घोषणा के लिए कह चुके हैं। लेकिन अभी तक किसी भी मंत्री ने अपनी संपत्ति की घोषणा नहीं की है।
हालांकि मुख्यमंत्री योगी ने मंत्रियों को संपत्ति की घोषणा के मौखिक निर्देश नहीं दिए इसके लिए उन्होंने बकायदा लिखित में पूरी ‘आचरण संहिता’ उपलब्ध करवाई थी। जिसमें यह भी कहा गया था कि मंत्रियों को ऐसे उपहार जैसे सोने-चांदी के मुकुट,ऐसे प्रतीक जो सामंतशाही का बोध दिलवाते हैं नहीं स्वीकार करने चाहिए।
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बता दें कि प्रदेश की पहली बार जब 2017 में भाजपा सत्ता में आई उसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्यभार संभालते ही मंत्रियों और अधिकारियों को अपनी संपत्ति का ब्योरा देने के निर्देश दिए थे। मुख्यमंत्री योगी ने खुद तो इसका पालन किया। लेकिन उनके मंत्रियों और अधिकारी ने इसका पालन आज तक नहीं किया है।
सीएम योगी अब जब फिर से प्रदेश के मुख्यमंत्री बने हैं तो उन्होंने एक बार फिर से मंत्रियों और अधिकारियों से इसके लिए कहा है। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के अंतगर्त निर्वाचित सदस्यों, जिसमें मंत्री शामिल है के लिए सार्वजनिक आचरण के मानक तय हुए थे। वर्ष 2009 में गृहमंत्रालय की ओर से राज्यों से मंत्रियों के लिए एक आचार संहिता बनाई गई थी। जिसमें संपत्ति घोषणा की बात कही गई थी।