उत्तर प्रदेश सरकार ने सोशल मीडिया पर नई नीति को मंजूरी दे दी है, जिसमें सरकार की योजनाओं का गुणगान करने पर इनाम मिलेगा और सरकार के खिलाफ आपत्तिजनक सामग्री पर आजीवन कारावास की सजा भी मिल सकती है। योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट ने मंगलवार को राज्य के सूचना विभाग द्वारा तैयार उत्तर प्रदेश डिजिटल मीडिया नीति, 2024 को मंजूरी दे दी।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, सरकार ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जैसे कि एक्स, फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर यूपी सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों के बारे में सामग्री/ट्वीट/वीडियो/पोस्ट/रील बनाने और प्रदर्शित करने के लिए विज्ञापन देने के लिए एजेंसियों/फर्मों को सूचीबद्ध करने का फैसला किया है। यानि इन्हें इनाम के रूप में विज्ञापन मिलेगा, वहीं इस नई नीति में राष्ट्र-विरोधी, अश्लील या आपत्तिजनक सामग्री बनाने वाले लोगों को आजीवन कारावास का प्रावधान भी किया गया है।
मीडिया में आई खबरों के अनुसार, नई नीति के तहत सरकार के काम को बढ़ावा देने के लिए फॉलोअर्स और सब्सक्राइबर्स की संख्या के आधार पर हर महीने 8 लाख रुपये तक मिल सकते हैं। बयान में कहा गया है कि विभाग ने सब्सक्राइबर/फॉलोअर्स के आधार पर इनफ्लुएंसर/एजेंसियों/फर्मों को चार श्रेणियों में वर्गीकृत किया है।
वहीँ वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने पवन खेड़ा ने योगी सरकार के इस फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि क्या भाजपा विरोधी या सरकार विरोधी टिप्पणियों को ‘राष्ट्र-विरोधी’ माना जाएगा? ‘आक्रामक टिप्पणी’ की परिभाषा क्या है? क्या डबल इंजन वाली सरकारें अब अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को दबाने की तैयारी कर रही हैं? इंडिया गठबंधन के विरोध के कारण मोदी सरकार को ब्रॉडकास्ट बिल, 2024 वापस लेना पड़ा। क्या अब पिछले दरवाजे से तानाशाही लाई जा रही है?