उत्तर प्रदेश के उन सरकारी कर्मचारियों जिन्होंने अभी तक अपनी चल अचल संपत्ति का ब्यौरा सरकार को नहीं दिया है उनको योगी सरकार ने एक और मोहलत दी है लेकिन ये मोहलत अंतिम है. अगर इस मोहलत के अंदर भी जो कर्मचारी अपनी संपत्ति का ब्यौरा नहीं देता है तो फिर उसकी तनख्वाह रोक दी जाएगी और उसकी पूरी ज़िम्मेदारी उस कर्मचारी की होगी। बता दें कि संपत्ति का ब्यौरा न देने वाले कर्मचारियों की संख्या 2.44 लाख है और इनकी सैलरी रुकने वाली थी लेकिन इन लोगों ने सरकार से थोड़ा समय और माँगा जो योगी सरकार ने दे दिया है.
इससे पहले मुख्य सचिव ने 31 अगस्त तक हर हाल में चल-अचल संपत्ति का ब्योरा मानव संपदा पोर्टल पर देने का निर्देश दिया था. जानकारी के मुताबिक, तय तारीख तक सिर्फ 71 फीसदी कर्मचारियों ने अपनी संपत्ति का खुलासा किया था, जबकि 2.44 लाख कर्मचारियों ने संपत्ति का ब्योरा नहीं दिया. आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में कुल 846640 राज्य कर्मचारी हैं. इनमें से सिर्फ 602075 ने ही मानव संपदा पोर्टल पर चल-अचल संपत्ति का ब्योरा दिया है। जिन विभागों को ब्योरा देना है उनमें कपड़ा, सैनिक कल्याण, ऊर्जा, खेल, कृषि और महिला कल्याण विभाग, बेसिक शिक्षा, उच्च शिक्षा शामिल हैं। , चिकित्सा स्वास्थ्य, औद्योगिक विकास और राजस्व विभाग।
डीजीपी मुख्यालय ने नियुक्ति विभाग को पत्र भेजकर अपने कर्मियों को संपत्ति का ब्योरा देने के लिए कुछ अतिरिक्त समय देने का अनुरोध किया था। पत्र में कहा गया था कि त्योहारों और पुलिस की वजह से भर्ती परीक्षा में कई पुलिसकर्मी अपनी संपत्ति का ब्योरा समय पर नहीं दे पाए हैं। इस संबंध में मुख्य सचिव मनोज सिंह ने कहा कि जिन कर्मचारियों ने अभी तक संपत्ति का ब्योरा नहीं दिया है, उन्हें अतिरिक्त समय दिया गया है और उनका वेतन अलग-अलग विभागों के कर्मचारियों के लिए अलग-अलग तिथियां तय की गई हैं।