Uttarkashi Silkyara Tunnel Collapse Rescue: उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग में दिवाली के दिन हुए भूस्खलन से वहां काम कर रहे 41 मजदूर अंदर फंसे हैं। मलबा इतना अधिक है कि श्रमिकों को निकालने के लिए 11 दिन से बचाव अभियान जारी है। बचाव टीमें दिन रात सुरंग में अभियान चला रही हैं।
सुरंग में ऑगर मशीन से 39 मीटर तक ड्रिलिंग की जा चुकी है। अधिकारियों का कहना है कि सब कुछ ठीक रहा तो आज रात सिलक्यारा सुरंग रेस्क्यू ऑपरेशन खत्म होगा और कल सुबह का सूरज सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिक देख सकेंगे। पहले सुरंग में फंसे मजदूरों की संख्या 36 बताई गई थी। लेकिन बाद में इनकी संख्या 40 बताई गई है। इसके एक सप्ताह बाद कंपनी ने 41 लोगों के फंसने की बात कही है।
सिलक्यारा सुरंग रेस्क्यू ऑपरेशन में छह प्लान पर काम
सिलक्यारा सुरंग रेस्क्यू ऑपरेशन में भारतीय सेना, NDRF, SDRF, एनएचआईडीसीएल, BRO, एसजेवीएनएल, उत्तराखंड पुलिस, लार्सन एंड टूब्रो, आरवीएनएल, आपदा प्रबंधन विभाग, THDC, जिला प्रशासन, ITBP, ONGC, DEDO, राज्य लोनिवि, परिवहन मंत्रालय, होमगार्ड्स जुटे हैं।
सिलक्यारा सुरंग रेस्क्यू ऑपरेशन में छह प्लान पर काम किया जा रहा है। सिलक्यारा सुरंग के मुहाने से ऑगर मशीन से ड्रिलिंग, बड़कोट छोर ड्रिलिंग, सुरंग के ऊपर और दाएं व बाएं तरफ से ड्रिलिंग, सुरंग के ऊपर से ड्रिलिंग की योजना तैयार बनाई है। विशेषज्ञों की टीम ने अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया है।
DRDO के 70 किलो के दो रोबोट अभियान में जुटे थे, लेकिन रेतीली मिट्टी होने के कारण वह चल नहीं सके। ड्रोन से तस्वीरें लेने की कोशिश की गई, लेकिन कामयाब नहीं मिली। International Tunneling and Underground Space Association अध्यक्ष प्रो. अर्नोल्ड डिक्स को बुलाया है। इसी के साथ हिमाचल में सुरंग हादसे में मजदूरों को बचाने वाली टीम को भी बचाव कार्य में जुटी है।
नौवें दिन श्रमिकों को पहुंचाया खाने का सामान
नौवें दिन देर शाम टीम को सफलता मिली और छह इंच का दूसरा फूड पाइप श्रमिको तक पहुंचाया गया। देर शाम इसी पाइप से उन्हें खाने के लिए खिचड़ी और Mobile Charge करने के लिए charger भेजे गए। 10वें दिन एंडोस्कोपिक फ्लेक्सी कैमरा सुरंग में फंसे मजदूरों तक पहुंचाया गया। बचावकर्मी वॉकी-टॉकी के माध्यम से फंसे हुए श्रमिकों से संपर्क करने की कोशिश करते रहे।
सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को पेट में खराबी और दर्द की शिकायत
सिलक्यारा सुरंग में फंसे कुछ श्रमिकों को आज पेट में खराबी व दर्द की शिकायत थी। जिसके लिए उनको दवाई भेजी गई है। साथ ही श्रमिकों को जरूरी कपड़े, ब्रश, पेस्ट भेजे गए हैं। श्रमिकों से बात करने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ ने ऑडियो कम्युनिकेशन शुरू किया। भीतर माइक्रोफोन और स्पीकर भेजे गए हैं।