क्या आपने कभी भगवान को बीमार पड़ते देखा या सुना है नहीं सुना तो अब सुनिए दरअसल, भगवान जगन्नाथ बीमार पड़ गए हैं। इसीलिए उनका पिछले 15 दिनों से इलाज चल रहा है। जिसकी वजह से उन्हें एकांतवास में रखा गया है और इसी वजह से मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए है। आपको पता है रथ यात्रा शुरू होने से ठीक 15 दिन पहले भगवान जगन्नाथ बीमार पड़ जाते हैं।
कब होती है रथ यात्रा
आपको पता है भगवान जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा हर साल शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन निकाली जाती है। इस बार यह यात्रा 20 जून के दिन निकाली जाएगी। और इसी यात्रा के पूर्व भगवान 15 दिनों तक एकांतवास में रहते हैं।
आखिर क्यों 15 दिनों के लिए बीमार हो जाते हैं भगवान
रथ यात्रा से पूर्व भगवान 15 दिनों के लिए एकांतवास में रहते हैं। ओडिशा के जगन्नाथ पुरी में ज्येष्ठ मास के पूर्णिमा तिथि के दिन भगवान जगन्नाथ अपनी बहन सुभद्रा और बड़े भाई बलराम के साथ गर्भगृह से बाहर निकला जाता है। उसके बाद उनको स्नान करवाया जाता है, स्नान करने के बाद उन्हें बुखार आ जाता है। जिस वजह से उन्हें आराम चाहिए होता है तो उनको शयन कक्ष में रखा जाता है । इस दौरान उनका अच्छे से उपचार किया जाता है और उन्हें सही करने के लिए औषधियां खिलाई जाती है। इस दौरान उन्हें भोग में भी बिल्कुल सादा भोजन ही दिया जाता है।
ये परम्परा अभी से नहीं बल्कि प्राचीन समय से ही चली आ रही है। जब भगवान जगन्नाथ स्वस्थ हो जाते हैं तो ये रथ पर सवार होकर विराजमान हो जाते हैं और पूरे नगर की यात्रा करते हैं। जिसके बाद वह कुछ दिन के लिए गुजिया मंदिर में जाते हैं माना जाता है की वो उनकी मौसी का घर है जहां वो आराम करने जाते है । आपको पता है भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा को देखने के लिए लोग देश और विदेश तक से आते है।