एक तरफ अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा होनी है, वहीँ विपक्षी दलों द्वारा इस समारोह का बहिष्कार किया जा रहा, अब विपक्ष को जवाब देने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीड़ा उठा लिया है. कल उन्होंने राहुल गाँधी की राजनीतिक इवेंट वाली बात का जवाब दिया था, आज फिर एक सार्वजानिक मंच से उन्होंने समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव पर प्रहार किया है. इसके साथ उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी भी प्राण प्रतिष्ठा समारोह का श्रेय नहीं लिया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज लखनऊ में एक सार्वजानिक मंच से कहा कि समाजवादी पार्टी समेत सभी राजनीतिक दलों को श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह समारोह का न्योता भेजा गया है. वहां पर जो प्रभु राम का सेवक बनकर आएगा उसका स्वागत किया जायेगा, उन्होंने कहा कि किसी को भी राम मंदिर आने से नहीं रोका गया है
मुख्यमंत्री योगी ने खुद के सन्यासी बनने की वजह का भी खुलासा करते हुए कहा कि वो राम मंदिर की वजह से ही सन्यासी बने हैं. उन्होंने कहा कि ये मेरा सौभाग्य है कि मेरे मुख्यमंत्रित्व काल में ये हो रहा है, उन्होंने कहा कि मैं एक सेवक के रूप में अयोध्या जाता हूँ। उन्होंने कहा कि अगर वो मुख्यमंत्री न भी होते तो तब भी राम मंदिर आंदोलन से जुड़े होते और सबसे पीछे बैठकर राम लला की प्राण प्रतिष्ठा का आनंद लेते। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के चरित्र को सभी जानते हैं. बता दें अखिलेश यादव राम मंदिर जाने पर कई बार कह चुके हैं कि जब भगवान बुलाएँगे तब जायेंगे। भगवान को जब अपने भक्त को बुलाना होता है तो वो उसे बुला लेता है, किसी के कहने से भगवान किसी को नहीं बुलाता।
कल राहुल गाँधी ने भी कहा था कि भाजपा और आरएसएस ने प्राण प्रतिष्ठा समारोह को मोदी समारोह बनाकर उसका चुनावीकरण कर दिया है और एक राजनीतिक इवेंट बना दिया है, जिसपर मुख्यमंत्री योगी ने कहा था कि कांग्रेस ने अयोध्या में इस तरह का इवेंट पहले क्यों नहीं किया? उसे किसने रोका था.