न्यूज़ डेस्क – पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ राजनीतिक, आर्थिक और कूटनीतिक मोर्चे पर कड़े कदम उठाए हैं। मोदी सरकार ने 5 बड़े फैसले लिए, जिनमें सिंधु जल समझौता को स्थगित करना शामिल है। इसके जवाब में पाकिस्तान ने भी अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक बुलाई, जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री शाहनवाज शरीफ ने की। बैठक में पाकिस्तान ने शिमला समझौते को स्थगित करने की गीदड़ भभकी दी है।
शिमला समझौता क्या है?
1971 के युद्ध में भारत ने पाकिस्तान को हराकर उसके दो टुकड़े कर दिए थे और करीब 90,000 पाकिस्तानी सैनिकों को बंदी बना लिया था। युद्ध के करीब 16 महीने बाद, 2 जुलाई 1972 को हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो के बीच एक समझौता हुआ, जिसे शिमला समझौता कहा जाता है।
इस समझौते का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच संबंध सुधारना और शांति बनाए रखना था। इसके तहत:
- बंदी बनाए गए दोनों देशों के सैनिकों को रिहा किया गया।
- भारत ने युद्ध के दौरान कब्जा की गई पाकिस्तान की जमीन लौटा दी।
- भारत-पाकिस्तान के बीच की सीजफायर लाइन को लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) घोषित किया गया।
- यह तय हुआ कि दोनों देश LoC को बदलने की कोशिश नहीं करेंगे।
लेकिन पाकिस्तान ने इस समझौते का कई बार उल्लंघन किया। कश्मीर मुद्दे को वह बार-बार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाता है और सीमा पर सीजफायर का उल्लंघन करता रहा है। 1999 में कारगिल में पाकिस्तान ने घुसपैठ की, जो कि बल प्रयोग न करने की बात के खिलाफ था।
भारत से हार का बदला लेने के लिए पाकिस्तान ने आतंकवाद का सहारा लिया। उसकी सेना और ISI आतंकवादी संगठनों को समर्थन देती हैं और उन्हें भारत भेजकर नापाक मंसूबे पूरे करने की कोशिश करती हैं। हालांकि भारतीय सुरक्षा बल हर बार उनके इरादों को नाकाम करते हैं।
भारत के 5 बड़े फैसले (पहलगाम हमले के बाद)
सिंधु जल संधि स्थगित – 1960 में भारत के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान के बीच यह समझौता हुआ था। इसमें सिंधु बेसिन की 6 नदियों को पूर्वी (रावी, ब्यास, सतलुज) और पश्चिमी (सिंधु, चिनाब, झेलम) हिस्सों में बांटा गया था। भारत को अब सिंधु जल संधि को स्थगित करने का निर्णय लिया गया है।
अटारी चेक पोस्ट बंद – एकीकृत चेक पोस्ट अटारी को तुरंत प्रभाव से बंद कर दिया गया है। केवल वे लोग जो पहले से वैध अनुमति के साथ सीमा पार कर चुके हैं, उन्हें 1 मई 2025 से पहले वापस आने की अनुमति होगी।
सार्क वीजा योजना रद्द – पाकिस्तानी नागरिकों के लिए SAARC Visa Exemption Scheme को रद्द कर दिया गया है। पहले से जारी सभी वीजा रद्द माने जाएंगे और भारत में मौजूद ऐसे नागरिकों को 48 घंटे के भीतर भारत छोड़ना होगा।
दूतावास अधिकारियों को हटाया गया – दिल्ली में पाकिस्तानी दूतावास के सैन्य, नौसेना और वायु सलाहकारों को अवांछित घोषित किया गया है। उन्हें एक हफ्ते में भारत छोड़ना होगा। पाकिस्तान में मौजूद भारतीय अधिकारी भी भारत वापस बुलाए जाएंगे।
दूतावासों की संख्या घटाई जाएगी – भारत और पाकिस्तान दोनों अपने दूतावासों में कार्यरत लोगों की संख्या को 55 से घटाकर 30 करेंगे। यह प्रक्रिया 1 मई 2025 तक पूरी की जाएगी।