Subrata Roy’s death: सहारा ग्रुप प्रमुख सुब्रत रॉय (Subrata Roy) के निधन के बाद पूंजी बाजार नियामक सेबी (SEBI) के खाते में पड़ी 25,000 करोड़ रुपए से अधिक की अवितरित धनराशि चर्चा में आ गई है। लंबे समय से बीमार सुब्रत रॉय का रात मुंबई में निधन हो गया। सुब्रत रॉय 5 वर्ष के थे।
कई विनियामक तथा कानूनी लड़ाइयां लड़नी पड़ी
सुक्रत रॉय को सहारा समूह की कंपनियों के संबंध में कई विनियामक तथा कानूनी लड़ाइयां लड़नी पड़ी थी। इनमें पोंजी योजनाओं में नियमों को दरकिनार करने का आरोप शामिल है। हालांकि, उनके सहारा समूह ने हमेशा आरोपों को खारिज किया है। पूंजी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने 2011 में सहारा ग्रुप की दो कंपनियों सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (SIREL) और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (SHICL) को वैकल्पिक रूप से पूर्ण परिवर्तनीय बॉन्ड (OFDC) के रूप में पहचाने जाने वाले बॉन्डों के जरिए करीब तीन करोड़ निवेशकों से जुटाए धन को वापस करने का आदेश दिया था।
नियमों और विनियमों का उल्लंघन कर धन जुटाया!
नियामक ने अपने आदेश में सहारा को कहा था कि दोनों कंपनियों ने उसके नियमों और विनियमों का उल्लंघन कर धन जुटाया है। कानूनी लड़ाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त 2012 को सेबी के निर्देशों को बरकरार रखा। दोनों कंपनियों को निवेशकों से एकत्र धन 15 प्रतिशत ब्याज के साथ वापस करने को कहा था।
इसके बाद सहारा को निवेशकों को धन लौटाने के लिए सेबी के पास अनुमानित 24,000 करोड़ रुपए जमा करने को कहा था। हालांकि सहारा ग्रुप यह कहता रहा कि उसने पहले 95 प्रतिशत से अधिक निवेशकों को प्रत्यक्ष रूप से भुगतान कर दिया है।
पूंजी बाजार नियामक की नवीनतम वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने सहारा ग्रुप की दो कंपनियों के निवेशकों को 11 सालों में 138.07 करोड़ रुपये वापस किए। इस बीच पुनर्भुगतान के लिए विशेष रूप से खोले बैंक खातों में जमा धनराशि बढ़कर 25,000 करोड़ रुपए से अधिक हो गई है।
अधिकतर बॉन्डधारकों ने इसको लेकर कोई दावा नहीं
सहारा की दो कंपनी के अधिकतर बॉन्डधारकों ने इसको लेकर कोई दावा नहीं किया। कुल राशि पिछले वित्त वर्ष 2022-23 में करीब सात लाख रुपए बढ़ाई गई थी। जबकि सेबी-सहारा पुनर्भुगतान खातों में इस दौरान शेष राशि 1,087 करोड़ रुपए बढ़ गई।
वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक, सेबी को 31 मार्च, 2023 तक 53,687 खातों से जुड़े 19,650 आवेदन प्राप्त हुए थे। इनमें से ‘‘48,326 खातों से जुड़े 17,526 आवेदनों के लिए 138.07 करोड़ रुपए की राशि लौटाई गई। जिसमें 67.98 करोड़ रुपए ब्याज राशि शामिल है।’’
शेष आवेदन सहारा समूह की दोनों कंपनियों द्वारा उपलब्ध कराई जानकारी के जरिए कोई पता नहीं लग पाने के कारण बंद कर दिए गए थे। सेबी ने आखिरी अपडेट जानकारी में 31 मार्च 2022 तक 17,526 आवेदनों से संबंधित कुल राशि 138 करोड़ रुपए बताई थी। सेबी ने कहा कि 31 मार्च 2023 तक राष्ट्रीयकृत बैंकों में जमा कुल राशि करीब 25,163 करोड़ रुपए है।