यूं तो शादी को जीवन भर का रिश्ता माना जाता है, लेकिन हिंदू धर्म में इसे सात जन्मों का बंधन भी कहा जाता है। लेकिन कई बार पति-पत्नी के बीच ऐसी स्थिति आ जाती है कि उन्हें तलाक लेकर अलग होना पड़ता है। इसमें कोई शक नहीं है कि कोई भी व्यक्ति अलग होने के लिए शादी नहीं करता है। लेकिन पति-पत्नी बनने के बाद हर कोई इस रिश्ते के साथ आने वाली जिम्मेदारियों को पूरा नहीं कर पाता और जिसकी वजह से रिश्ते में दरार आने लगती है और दो लोग कब पति-पत्नी से दुश्मनी बन जाते हैं उन्हें खुद पता नहीं चल पाता है.
गॉटमैन इंस्टीट्यूट के सह-संस्थापक जॉन गॉटमैन लंबे समय से जोड़ों की काउंसलिंग कर रहे हैं और उन्हें मानसिक स्वास्थ्य के बारे में शिक्षित कर रहे हैं। उनके हाल के एक अध्ययन के अनुसार, विवाह तलाक की भविष्यवाणी कर सकता है। पति-पत्नी के कमजोर होते रिश्ते में कुछ ऐसे संकेत दिखाई दे रहे हैं, जिनसे आप जान सकते हैं कि उनके बीच अब एक-दूसरे के लिए प्यार नहीं बचा है। यहां हम आपको वो कारण बता रहे हैं, जिनसे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि शादी 90 फीसदी तक टूट सकती है।
कमी निकालना
कोई भी बिल्कुल परफेक्ट नहीं होता है। और एक रिश्ते में दो लोग मिलकर एक दूसरे की इस कमी को दूर करने की कोशिश करते हैं। लेकिन जब रिश्ता एकतरफा हो जाता है या प्यार खत्म हो जाता है तो पार्टनर इस बारे में एक-दूसरे से झूठ बोलने लगते हैं। समय के साथ ऐसी आलोचना व्यवहार या कार्यों के बजाय चरित्र या व्यक्तित्व से संबंधित हो जाती है। जिससे दोनों के बीच भावनात्मक जुड़ाव खत्म हो जाता है और तलाक की संभावना बढ़ जाती है। शोध के अनुसार, जब आप अपने साथी के साथ लड़ाई में ‘कभी नहीं’ और ‘हमेशा’ शब्दों का इस्तेमाल करते हैं, तो आप मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय चरित्र पर टिप्पणी कर रहे होते हैं।
हर चीज का विरोध करो
जब पति-पत्नी के बीच चीजें खराब होने लगती हैं तो हर बात को लेकर दोनों के बीच लड़ाई-झगड़े की संभावना बढ़ जाती है। इसके साथ ही हर आलोचना का सामने से मुंहतोड़ जवाब दिया जाता है। जब पार्टनर इस तरह अपने बचाव में एक-दूसरे पर वार करने लगते हैं तो रिश्ते में दरार बढ़ने लगती है। क्योंकि जब आप किसी रिश्ते में अपना बचाव कर रहे होते हैं तो यह अपनी गलतियों की जिम्मेदारी लेने से बचने का एक तरीका होता है। ऐसे में अगर आप अपनी शादी को तलाक की दहलीज पर खड़ा नहीं देखना चाहते हैं तो अपने साथी द्वारा की गई शिकायत में अपना हिस्सा स्वीकार करें।
बातचीत से परहेज
अगर लंबे समय तक पार्टनर की समस्याओं और शिकायतों का समाधान नहीं होता है तो एक वक्त ऐसा आता है जब एक-दूसरे से बात करना मुश्किल हो जाता है। अपनी भावनाओं को दूसरे व्यक्ति को समझाना असंभव लगता है। ऐसे में पति-पत्नी के बीच एक दीवार खड़ी हो जाती है, जो रिश्ते को तलाक तक ले जाती है। कई कपल्स एक-दूसरे से लड़ने से बचने के लिए साइलेंट ट्रीटमेंट का सहारा लेते हैं, जो रिश्ते को और जहरीला बना देता है। अगर आप अपने रिश्ते को बचाना चाहते हैं तो पार्टनर से बात चित करके बातों को सुधारने की कोशिश करें।
बेइज्जती करना
पति-पत्नी के बीच अपमान के मायने बहुत अलग होते हैं। अगर आप एक दूसरे की बातों को महत्व नहीं दे रहे हैं तो इसे अपमान माना जा सकता है। इसके अलावा आहें भरना, आंखें घुमाना, मजाक करना, कटाक्ष करना भी पार्टनर के कुछ कहने पर उन्हें ठेस पहुंचा सकता है।