नैनीताल- भारत में कई लोकप्रिय व पावन धार्मिक स्थल हैं, जहां पर लोग अपनी मुरादें लेकर जाते हैं। जिसमें से एक प्रसिद्ध कैंची धाम भी है। माना जाता है कि कैंची धाम में जो भी आता है, वह खाली हाथ नहीं लौटता है। यही कारण है कि यहां पर देश के साथ-साथ विदेश से भी भारी संख्या में लोग आते हैं। इस सूची में देश और विदेशों के वह बड़ी हस्तियां भी शामिल है जो अपने अपने क्षेत्रों में शिखर पर काबिज हैं.
मार्क जुकरबर्ग, स्टीव जॉब्स के बाद विराट कोहली भी अनन्य भक्त
नीम करोली धाम (Neem Karoli Baba Ashram) के भक्तों की बात की जाए तो यहां देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी बड़ी संख्या में लोग दर्शन के लिए आते हैं. कहा जाता है कि फेसबुक के मार्क जुकरबर्ग और स्टीव जॉब को नीम करोली धाम आने के बाद ही सफलता का नया रास्ता प्राप्त हुआ था. यही नहीं विराट कोहली यहां के भक्तों में शामिल हैं. हाल ही में कैंची धाम पत्नी अनुष्का और बेटी के साथ पहुंचे विराट कोहली ने यहां अपनी आस्था जाहिर की. बताया जाता है कि विराट कोहली की वर्ल्ड कप में अच्छी परफॉर्मेंस के लिए अनुष्का शर्मा ने यहां मन्नत मांगी थी. जिसे पूरा होने के बाद विराट कोहली,अनुष्का शर्मा और उनकी बेटी यहां दर्शन करने पहुंचे थे.
कैंची धाम के नीम करौली बाबा की लोकप्रियता पूरी दुनिया में है। नीम करौली बाबा हनुमान जी के अनन्य भक्त थे। बताया जाता है कि हनुमान जी की कड़ी उपासना करने के बाद ही उन्हें चमत्कारिक सिद्धियां प्राप्त हुई थीं। कैंची धाम उत्तराखंड में नैनीताल से लगभग 65 किलोमीटर दूर स्थित है। बताया जाता है कि 1961 में बाबा यहां पहली बार आए थे और उन्होंने 1964 में एक आश्रम का निर्माण कराया था, जिसे कैंची धाम के नाम से जाना जाता है।
कैंची धाम नैनीताल–अल्मोडा मार्ग पर नैनीताल से लगभग 17 किलोमीटर एवं भवाली से 9 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यहां हर साल 15 जून को बड़े मेले का आयोजन होता है, जिसमें दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं. शिप्रा नदी के तट पर बसा बाबा नीम करोली आश्रम (Neem Karoli Baba Ashram) के नीम करोली महाराज को कलयुग में भगवान हनुमान का अवतार माना जाता है यहां पर हनुमान जी की समर्पित कई मंदिर हैं परिसर में बाबा नीम करोली को समर्पित मंदिर और प्रार्थना कक्ष भी मौजूद है
लक्ष्मी नारायण शर्मा से नीम करोली बाबा तक का सफर
विश्व भर में प्रसिद्ध नीम करोली धाम (Neem Karoli Baba Ashram) की स्थापना की कहानी भी रोमांचक है. 1961 में बाबा पहली बार यहां आए थे. कहा जाता है कि कांची गांव में पूर्णआनंद के साथ नीम करोली महाराज ने इस जगह पर एक आश्रम और मंदिर बनाने का प्रस्ताव रखा था. यह वही जगह है जहां पर प्रसिद्ध संत सोमवारी महाराज और साधु बाबा यज्ञ किया करते थे. 1962 में यहां पर जंगल को साफ कर हनुमान जी का एक मंदिर बनाया गया और उसी के से सटा हुआ कैंची मंदिर और आश्रम का निर्माण किया गया. प्रसिद्ध लेखक रिचर्ड अल्पर्ट ने अपनी किताब “मिरेकल आफ लव” में नीम करोली बाबा के चमत्कारों का वर्णन किया है. नीम करोली बाबा के बचपन का नाम लक्ष्मी नारायण शर्मा था. जिनका जन्म फिरोजाबाद जिले के अकबरपुर में हुआ था.