देहरादून। उत्तराखंड में आग की 67 घटनाएं सामने आ चुकी हैं। पर्वतीय क्षेत्र में आग के लिहाज से संवेदनशील जंगल की निगरानी को लेकर विशेष निर्देश जारी किए गए हैं। 15 फरवरी से अब तक प्रदेश में 107.25 हेक्टेयर जंगल आग से जलकर राख हो गया है।
आग की चुनौती इस बार अधिक
उत्तराखंड में जंगल में आग की चुनौती इस बार अधिक दिखने लगी है। अब तक प्रदेश में 107.25 हेक्टेयर जंगल जल चुका है। आगे बारिश की संभावना कम है। ऐसे में मैदान ड्यूटी से जुड़े वनकर्मियों को इस बार होली पर अवकाश नहीं मिलेगा।
पर्वतीय क्षेत्र में आग के लिहाज से संवेदनशील जंगल की निगरानी को लेकर विशेष निर्देश जारी किए गए हैं। मैदानी क्षेत्र में अराजक तत्वों के अलावा तस्करों की घुसपैठ की आशंका है।
67 आग की घटनाएं
उत्तराखंड में सोमवार तक आग की 67 घटनाएं सामने आ चुकी हैं। जिनमें गढ़वाल में 40.68 और कुमाऊं में 35.55 हेक्टेयर जंगल जलकर राख हो गया है। इसके अलावा वन्यजीव विहार यानी नेशनल पार्क और अभयारण्य में 21 हेक्टेयर जंगल को नुकसान पहुंचा है।
बढ़ता तापमान दिक्कत पैदा कर सकता है। ऐसे में होली के दौरान गश्ती दलों को अलर्ट रहने के लिए कहा गया है। पश्चिमी वृत्त के वन संरक्षक दीप चंद्र आर्य ने बताया कि अपरिहार्य स्थिति में ही वनकर्मियों को अवकाश दिया जाएगा।
अल्मोड़ा के हवालबाग, लमगड़ा, धौलादेवी आदि ब्लाकों में आग लगने का दौर जारी है। ग्राम रोलाकोट सिमल्टी के पास जंगल सोमवार रात भर धधकते रहा। आग पास के ग्राम गंगापानी में पहुंच गई थी। वन विभाग और ग्रामीण बमुश्किल आग पर काबू पा सके।