ओलम्पिक मेडलिस्ट पहलवान साक्षी मलिक के साथ जंतर मंतर पर WFI के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न को लेकर जंतर मंतर मोर्चा खोलने वाली और एक लंबा संघर्ष करने वाली पहलवान विनेश फोगट में पेरिस ओलम्पिक में झंडा गाड़ने के बाद (दुर्भाग्य से वो रजत पदक वंचित कर दी गयीं) अब एकबार फिर एक्शन में आ गयी हैं लेकिन ये एक्शन कुश्ती के अखाड़े में नहीं बल्कि राजनीती के अखाड़े में है. हरियाणा विधानसभा चुनाव से राजनीतिक कैरियर शुरू किये जाने की चर्चाओं के बीच विनेश फोगाट आज शम्भू बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों के बीच पहुंचीं। शम्भू बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन के आज 200 दिन पूरे हुए हैं, इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आवाज़ उठाना हर बार पोलिटिकल नहीं होता, आज मैं यहाँ किसानों की आवाज़ उठाने आयी हूँ।
विनेश फोगाट के कांग्रेस पार्टी के टिकट पर हरियाणा विधानसभा चुनाव में मैदान में उतरने की बड़ी चर्चाएं हैं हालाँकि अभी तक इस बारे में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. शम्भू बॉर्डर पर पहुंची विनेश फोगाट ने भी चुनाव लड़ने की बात को टालते हुए कहा कि आज वो यहाँ किसानों के आंदोलन में शामिल होने आयी हैं इसलिए इस मौके पर राजनीती की कोई बात नहीं होगी. उन्होंने कहा ऐसा ज़रूरी नहीं कि जब अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाई जाय तो हर बार उसके पीछे राजनीति ही हो. विनेश फोगाट ने किसानों के मंच से किसानों की मांगों का समर्थन करते हुए कहा कि सरकार को ये मांगें जल्द से जल्द पूरी करनी चाहिए।
ओलम्पिक पहलवान ने कहा कि वो भी एक किसान परिवार से सम्बन्ध रखती हैं इसलिए बहुत अच्छी तरह से जानती हैं कि किसानों को किन परेशानियों का सामना करना पड़ता है. उन्होंने कहा कि अखाड़े में उतरने से पहले उन्होंने भी अपनी माँ के साथ खेतों में काम किया है. विनेश ने कहा कि किसानों के मुद्दे पर सरकार को अपना दिल बड़ा करना चाहिए। विनेश ने कहा कि किसान आज सबसे ज़्यादा परेशान हैं, अगर किसान खेती नहीं करेगा, अनाज नहीं उगायेगा तो देश खायेगा क्या? इसलिए सरकार को किसानों के साथ खुले मन से बात करना चाहिए.